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शैल उत्सव: अखिल भारतीय मूर्तिकला शिविर 14 अक्टूबर से

• आठ दिवसीय अखिल भारतीय समकालीन मूर्तिकला शिविर 14 से 21 अक्टूबर 2024 तक वास्तुकला योजना संकाय में।

• शिविर का उद्घाटन 14 अक्टूबर 2024 को। प्रातः 11 बजे वास्तुकला एवं योजना संकाय, टैगोर मार्ग परिसर में।

लखनऊ। “शैल-उत्सव” यानि पत्थर की बनी कलाकृतियों का उत्सव। जिसका उद्देश्य मूर्तिकला कीपारंपरिक व समकालीन कला को आमजन के करीब लाना है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से व वास्तुकला एवं योजना संकाय के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 14 से 21 अक्टूबर 2024 तक शैल उत्सव आठ दिवसीय अखिल भारतीय मूर्तिकला शिविर का आयोजन राजधानी में किया जा रहा है। इस शिविर का उदघाटन दिनांक 14 अक्टूबर 2024, सोमवार को राजधानी के वास्तुकला एवं योजना संकाय, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, टैगोर मार्ग परिसर में किया जाएगा।

शैल उत्सव: अखिल भारतीय मूर्तिकला शिविर 14 अक्टूबर से

इस शिविर का उदघाटन मुख्य अतिथि वरिष्ठ मूर्तिकार पांडेय राजीवनयन (अधिष्ठाता, ललित कला एवं प्रदर्शन कला संकाय, डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रिय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ) करेंगे. शिविर के क्यूरेटर डॉ वंदना सहगल ने बताया कि शिविर में देश के पाँच राज्यों (नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और गुजरात) से 10 समकालीन मूर्तिकार (पुरुष और महिला) मूर्तिकार गिरीश पांडेय-लखनऊ, उत्तर प्रदेश, पंकज कुमार-पटना, बिहार, शैलेष मोहन ओझा-नई दिल्ली, राजेश कुमार-नई दिल्ली, सन्तो कुमार चौबे-नई दिल्ली, अजय कुमार-लखनऊ, उत्तर प्रदेश, अवधेश कुमार-लखनऊ, उत्तर प्रदेश, मुकेश वर्मा-लखनऊ, उत्तर प्रदेश, अवनी पटेल-सूरत, गुजरात, निधी सभाया-अहमदाबाद, गुजरात और 6 कार्वर (सहयोगी कलाकार) राजस्थान से शामिल हो रहे हैं।

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शिविर के कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने बताया कि यह शिविर आठ दिनों तक वास्तुकला संकाय परिसर में चलेगी। शिविर में कलाकारों द्वारा बन रही कलाकृतियों का अवलोकन कोई भी कर सकता है। यह शिविर लखनऊ के सौंदर्यीकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी साथ ही कला के प्रेमियों के लिए भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगी।

शैल उत्सव: अखिल भारतीय मूर्तिकला शिविर 14 अक्टूबर से

शिविर में बनने वाले सभी कला कृतियाँ नई होंगी और समकालीन कलाकारों के अपने विचारों का सृजनात्मक रूप होगा और कलाकार अपने विचारों को पत्थर के जरिये मूर्त रूप प्रदान करेंगे। शिविर में कोऑर्डिनेटर के रूप में भूपेंद्र कुमार अस्थाना, धीरज यादव, जुवैरिया कमरुद्दीन और शिविर डाक्यूमेंटेशन के लिए रत्नप्रिया व फोटोग्राफर हर्षित सिंह रहेंगे।

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