लखनऊ। जूनियर्स को सीनियर्स से बहुत सहायता मिलती है, इसलिए फ्रेशर पार्टी कार्यक्रम होते रहने चाहिए। यह बात प्रोफेसर डॉ अर्चना सिंह ने फ्रेशर पार्टी कार्यक्रम में कही।
डॉक्टर शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्विद्यालय के परास्नातक समाज कार्य विभाग में तालमेल नामक फ्रेशर पार्टी कार्यक्रम आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का संचालन प्रतीक्षा पाण्डेय व एम बिलाल मंसूरी ने संयुक्त रूप से किया। मुख्यातिथि समाज कार्य विभाग समन्वयक प्रोफेसर डॉ अर्चना सिंह, अतिथि प्रोफेसर डॉ रूपेश कुमार सिंह व डॉ मनीष द्विवेदी ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। राकेश यादव ने विश्विद्यालय व समाज कार्य विभाग के इतिहास व उपलब्धियों से नवीन छात्रों को अवगत कराया। पंकज कुमार ने शिक्षकों का परिचय कराया। एम बिलाल मंसूरी ने अपने संबोधन में कहा कि फ्रेशर पार्टी करने का उद्देश्य नए छात्रों को अपने से कमतर समझना नहीं है क्योंकि सभी के अंदर विभिन्न विशेषताएं और ज्ञान होता है। इसीलिए कार्यक्रम को तालमेल नाम दिया गया है। हम चाहते हैं जूनियर्स और सीनियर्स के बीच एक समन्वय बना रहे तथा ज्ञान का आदान प्रदान करते हुए एक दूसरे का सहयोग करते रहें।
बिलाल मंसूरी ने कहा कि सिर्फ उच्च कक्षा में होने से कोई सीनियर नहीं हो सकता है बल्कि जिसके पास किसी क्षेत्र में ज्ञान व अनुभव होता है वही सीनियर होता है। तालमेल कार्यक्रम में नवीन प्रवेश लेने वाले छात्रों ने अपना परिचय कराकर सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी। इस दौरान दृष्टिबाधित छात्र अवधेश कुमार, रंजना यादव, उमेश कुमार व अनीता मौर्या ने शायरी तथा गीत सुनकर सभी का ध्यान आकर्षित किया। नवीन छात्रों में शामिल लोकोमोटर व दृष्टिबाधित विकलांगता से ग्रस्त सामान्य छात्रों ने संयुक्त रूप से रैम्प वॉक करके समावेशी का अहसास कराया।
प्रतीक्षा पांडेय व गुंजन सिंह चौहान ने चेयर्स खेल के माध्यम से छात्रों का मनोरंजन कराया। इस दौरान सक्रिय और सामाजिक कार्यों में उत्कृष्ट भूमिका निभाने पर आरती राजपूत को मिस फ्रेशर व लोकोमोटर विकलांगता से ग्रस्त होने के बावजूद कक्षा में रोजाना उपस्थिति देने व सक्रिय छात्र की प्रतिभा होने पर परख लाम्बा को मिस्टर फ्रेशर चुना गया। डॉक्टर मनीष द्विवेदी ने मिस फ्रेशर और मिस्टर फ्रेशर चुने जाने पर दोनों को उपहार देकर मुबारकबाद भी दी।
मुख्यातिथि प्रोफेसर डॉ अर्चना सिंह ने कहा कि जूनियर्स और सीनियर्स के बीच कार्यक्रम होते रहने चाहिए क्योंकि जूनियर्स को अपने सीनियर्स के बहुत सहयोग मिलता है। प्रोफेसर डॉ रूपेश कुमार सिंह ने कामयाबी का मूलमंत्र बताया कि जीवन में ईमानदारी, अनुशासन और समय की पाबंदी होना आवश्यक है। यदि इनको अपनाया जाएगा तो आप परेशान नहीं होंगे। डॉ मनीष द्विवेदी ने कहा कि मैं छात्रों के साथ सख़्ती से इसलिए पेश नहीं आता हूं ताकि छात्र कुछ भी पूछने से न रह सकें। छात्रों को जब भी मेरी ज़रूरत होगी मैं हमेशा किसी भी काम में सहयोग करूंगा।
अवध विवि के स्नातक सेमेस्टर में 114813 के सापेक्ष 2884 परीक्षार्थी अनुपस्थित
पहले सत्र के छात्रों ने कार्यक्रम में गाने पर थिरककर खूब मस्ती की तथा तालमेल कार्यक्रम करने पर अपने सीनियर्स का आभार भी जताया। समाज कार्य तीसरे सेमेस्टर के छात्रों ने पहले सेमेस्टर के सभी छात्रों को उपहार भेंट किए। कार्यक्रम में परास्नातक समाज कार्य के छात्र काफी संख्या में उपस्थित थे।