अमेरिका के नेवादा में डेयरी फॉर्म में रहने वाली गायों में बर्ड फ्लू के नए स्ट्रेन के संक्रमण का पता चला है। बर्ड फ्लू का यह स्ट्रेन बीते साल से अमेरिका में फैल रहे संस्करण से अलग है। विशेषज्ञों का कहना है कि पक्षी से होने वाले संक्रमण का मवेशियों में फैलना बहुत ही दुर्लभ घटना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वायरस के अलग-अलग स्ट्रेन जिन्हें टाइप AH5N1 कहा जाता है, इससे पहले दो बार जंगली पक्षियों से मवेशियों में फैल चुके हैं।
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यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर के मुताबिक, नेवादा के मवेशियों में बर्ड फ्लू के जिस स्ट्रेन का पता चला है उसे डी1.1 के नाम से जाना जाता है। बीते दिसंबर में जांच के दौरान दूध में इसका पता चला था। वहीं, मार्च 2023 के अंत में पता चला था कि H5N1 बर्ड फ्लू वायरस के B3.13 स्ट्रेन का संक्रमण मवेशियों में भी हुआ है। इसने 16 कई राज्यों में 950 से अधिक मवेशियों को संक्रमित किया है।
पक्षियों से मवेशियों में बर्ड फ्लू के संक्रमण को लेकर सेंट जूड चिल्ड्रेन रिसर्च हॉस्पिटल के इन्फ्लूएंजा विशेषज्ञ रिचर्ड वेबी कहते हैं कि मुझे हमेशा लगता था कि एक पक्षी से गाय में संक्रमण बहुत ही दुर्लभ घटना है।
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बीते महीने अमेरिका में H5N1 से हुई थी पहली मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते महीने संक्रमित मुर्गियों के संपर्क में आने के बाद अमेरिका में H5N1 से पहली मौत का मामला सामने आया है। इस घटना ने खतरे की घंटी बजा दी है। बर्ड फ्लू को लेकर जांच कर रही वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि वायरस में बहुत तेजी से म्यूटेशन देखा जा रहा है।
बर्ड फ्लू के एक स्ट्रेन (rHPhTX) में नौ म्यूटेशंस का पता चला है। वैज्ञानिकों ने बताया कि ये म्यूटेशन वायरस को अत्यधिक संक्रामकता वाला बनाते हैं। बर्ड फ्लू के इस स्ट्रेन के मस्तिष्क में रिप्लीकेट होने का खतरा भी अधिक माना जा रहा है।
बर्ड फ्लू क्या बनने वाला है बड़ा खतरा?
क्या बर्ड फ्लू वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती बनने जा रहा है, इस बारे में अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि वायरस के स्ट्रेन्स की बारीकी से निगरानी की जानी चाहिए। नए म्यूटेशन किस प्रकृति के हैं इसको समझा जाना अभी बाकी है। हालांकि हाल के मामलों पर नजर डालें तो पता चलता है कि ये वायरस तेजी से संक्रामकता बढ़ाने वाला हो सकता है और इसके प्रसार की गति भी अधिक हो सकती है।