लखनऊ, (दया शंकर चौधरी)। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तुत बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग, खादी एवं ग्रामोद्योग सहित अन्य पारंपरिक उद्योगों के विकास के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ने बजट को प्रदेश के आर्थिक विकास का सशक्त आधार बताते हुए कहा कि यह रोजगार सृजन और उद्यमिता को नई दिशा देगा।
उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ऐतिहासिक बजट-उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय
मंत्री राकेश सचान ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इस क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह योजना शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने में मददगार होगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 225 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
उत्तर प्रदेश बजट : आर्थिक संवृद्धि, औद्योगिक विकास एवं रोजगार सृजन के साथ कृषि पर विशेष फोकस
मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश का हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग क्षेत्र लाखों लोगों को रोजगार देता है। इसे और सशक्त करने के लिए टेक्सटाइल पार्क की स्थापना हेतु पीएम मित्र योजना के तहत 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश वस्त्र गारमेंटिंग नीति 2022 के क्रियान्वयन के लिए 150 करोड़ रुपये तथा अटल बिहारी बाजपेई पावरलूम विद्युत फ्लैट रेट योजना के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
ग्रामीण रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत 800 लाभार्थियों को बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे 16,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, पं. दीनदयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के लिए 32 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड के संचालन हेतु 11.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
मंत्री राकेश सचान ने कहा कि यह बजट प्रदेश के हर क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति लाने वाला है। इससे न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि लाखों युवाओं और कारीगरों को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे।