Breaking News

केरल में पिछड़ी जाति के पुजारी ने छोड़ी नौकरी, जातीय भेदभाव होने का दावा

तिरुवनंतपुरम:  केरल के प्रसिद्ध कुदलमनिक्यम मंदिर के एक पिछड़ी जाति के कझकम (पुजारी) ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। आरोप हैं कि इस पुजारी के साथ जातीय भेदभाव हुआ, जिसके चलते उसने नौकरी छोड़ी। बालू नामक पुजारी राज्य में मंदिरों का प्रबंधन करने वाले देवास्वम रिक्रूटमेंट बोर्ड का कर्मचारी था और बोर्ड ने ही उसे पुजारी की जिम्मेदारी के लिए मंदिर में नियुक्त किया गया था। बालू ने मंगलवार शाम को अपना इस्तीफा बोर्ड के अधिकारियों को सौंप दिया।

पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखता है नौकरी छोड़ने वाला पुजारी
कझकम केरल में उन पुजारियों को कहा जाता है, जो भगवान की माला तैयार करने और अन्य पारंपरिक धार्मिक कामों को करते हैं। इस्तीफा देने वाला व्यक्ति बालू पिछड़ी जाति एझवा से ताल्लुक रखता है। इस घटना को लेकर एक बार केरल के मंदिरों में जातीय भेदभाव का मुद्दा गरमा गया है। इस मामले पर देवास्वम मंत्री वीएन वसावन ने बताया कि बालू की नियुक्ति नियमों के तहत हुई थी। उन्होंने कहा कि ‘सरकार चाहती है कि बालू अपनी नौकरी पर वापस लौटे। हमने बालू को बताया कि सरकार उसकी हरसंभव मदद के लिए तैयार है, लेकिन इसके बावजूद उसने इस्तीफा दे दिया।’

मंत्री ने बताया- निजी कारणों से दिया इस्तीफा
वीएन वसावन ने बताया कि बालू ने मांग की है कि उसे पुजारी की जिम्मेदारियों से मुक्त कर क्लर्क संबंधित काम दिया जाए तो वह अपने इस्तीफे पर विचार कर सकता है। देवास्वम बोर्ड ने साफ किया कि बालू ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है और इसमें बोर्ड की कोई भूमिका नहीं है। दावा किया जा रहा है कि बालू के साथ मंदिर के अन्य पुजारियों ने काम करने से मना कर दिया था। इसके बाद बालू को पुजारी की जिम्मेदारियों से हटा दिया गया था।

About News Desk (P)

Check Also

‘मानव दांत खतरनाक हथियार नहीं’, बॉम्बे उच्च न्यायालय ने महिला के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द की

मुंबई:  बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा है कि मानव दांत कोई ...