रवि शास्त्री की कैप्टन विराट कोहली व अन्य खिलाड़ियों के साथ बॉन्डिंग अच्छी है. पिछले दो वर्ष में किसी तरह की टकराव की समाचार नहीं आई. इस कारण शास्त्री को एक बार व मौका दिया गया.
इससे पहले कुंबले व कोहली के बीच टकराव रहा था. इतना ही नहीं जब 2005 से 2007 तक ऑस्ट्रेलिया के ग्रेग चैपल टीम के कोच थे, तब सीनियर खिलाड़ियों के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं थे. हालांकि, इसके बाद भी शास्त्री के सामने आईसीसी इवेंट में अच्छा प्रदर्शन करने का चैलेंज होगा.
टीम 2015 व 2019 वर्ल्ड कप व 2016 टी20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पराजय गई. हालांकि उन्होंने टेस्ट व वनडे में टीम इंडिया को आईसीसी रैंकिंग में नंबर-1 तक पहुंचाया.
नेशनल टीम से नहीं जुड़ सके टॉम मूडी
दूसरी ओर माइक हेसन ने 2015 में न्यूजीलैंड को वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचाया, लेकिन आईपीएल में वे किंग्स इलेवन पंजाब को कुछ खास सफलता नहीं दिला सके. ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी आईपीएल के अतिरिक्त संसार के कई राष्ट्रों की फ्रेंचाइजी टीमों को टी20 लीग में कोचिंग दे रहे हैं, लेकिन वे अब तक अपनी नेशनल टीम से नहीं जुड़ सके हैं.
लोकल कोच खिलाड़ियों के नेचर को समझते हैं
ऐसे में अपने देश के शास्त्री का चुना जाना अच्छा है. क्योंकि लोकल कोच खिलाड़ियों के नेचर को अच्छे से समझते हैं. पाक भी ऐसा करने जा रहा है. हालांकि अभी सपोर्ट स्टाफ का चुना जाना बाकी है. इसमें शास्त्री की पसंद को वरीयता मिलनी चाहिए. क्योंकि टीम तभी अच्छा करती है जब सभी एक-दूसरे को समझते हों.