कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रेस कान्फ्रेंस कर योगी सरकार और यूपी पुलिस पर जमकर निशाना साधा है. प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस इस वक्त मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बदला’ लेने वाले बयान पर काम कर रही है.
प्रियंका गांधी ने क्या-क्या कहा
1- हमने राज्यपाल को एक चिट्ठी सौंपी है. हमने कहा है कि प्रदेश सरकार पुलिस की तरफ से अराजकता फ़ैलाने का काम किया है. पुलिस ने जो किया है उसका कोई वैधानिक आधार नहीं है. बिजनौर में दूध लेने जा रहे लड़के की हत्या हुई.
2- पुलिस ने दबाव डालकर घर के पास दफनाने से मना कर मोहल्ले से 20 किलोमीटर दूर दफनाया. 21 साल का सुलेमान यूपीएससी की तैयारी कर रहा था. कुछ दिनों के लिए घर आया था और मस्ज़िद के पास खड़ा था, तभी पुलिस उसे उठाकर ले गई. उसको गोली मारी गई थी. पुलिस ने दबाव डालकर मामला दर्ज नहीं करने दिया गया.
3- लखनऊ में दारापुरी जी को उनके घर से गिरफ्तार किया गया. नागरिकता कानून के खिलाफी फेसबुक पोस्ट लिखा था. उन्हें पुलिस घर से उठाकर ले गई और उनकी पत्नी बिस्तर पर बीमार पड़ी हैं. दारापुरी जी और कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ ज़फ़र को 48 लोगों की लिस्ट में डाला गया.
4- मुख्यमंत्री ने बदला लेने का जो बयान दिया, उसी पर पुलिस क़ायम है. ये इतिहास में पहली बार हुआ जब मुख्यमंत्री ने बदला लेने की बात कही है.
5- कृष्ण भगवान का वेश है, भगवान राम करुणा के प्रतीक हैं, शिव जी की बारात में सब नाचते हैं. इस देश में बदले की कोई परंपरा नहीं है. श्रीकृष्ण ने अपने प्रवचन में कभी बदले की बात नहीं की.
6- योगी ने भगवा धारण किया, ये भगवा आपका नहीं हैं. भगवा देश की आध्यात्मिक आस्था का चिन्ह है. इसमें बदले की भावना की कोई जगह नहीं है.
7- मेरी सुरक्षा का सवाल बड़ा सवाल नहीं है, इस पर चर्चा की जरूरत नहीं है. हम आम जनता का सवाल उठा रहे हैं. हेलमेट के सवाल पर कहा कि ये फिजूल की बात है. बड़े-बड़े मुद्दों में ये कौन सी बड़ी बात है, फाइन दे देंगे.
8- नागरिकता कानून संविधान के खिलाफ है. खेतों में काम करने वाले मजदूर से आप कागज़ात मांगेंगे तो वो कहां से दस्तावेज लायेंगे.
9- वैध नागरिकता का प्रमाणपत्र नहीं है एनआरसी. ये बहाना है. ये लागू नहीं हो सकता क्योंकि ये कानून जनता ही लागू नहीं करने देगी.
10- सीआरपीएफ के सवाल पर कुछ कहने से मना करते हुए कहा कि ये फिजूल की बात है. आज जनता का मुद्दा उठाने की ज़रूरत है. जब-जब महिलाओं के ख़िलाफ़ अत्याचार हो रहा है मैं उसे उठाने का काम कर रही हूं.