योगी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े अभियान का असर राज्य की कमाई पर पड़ा है। राज्य की कमाई पिछले ढाई सालों में तेजी से बढ़ी है। आलम यह है पिछले एक साल के भीतर योगी सरकार ने अखिलेश यादव की पिछली सरकार को रेवेन्यू के मामले में बहुत पीछे छोड़ दिया है।
योगी सरकार ने पिछले ढाई साल में कुछ प्रमुख मदों के तहत ही अखिलेश यादव की पिछली सरकार की तुलना में 24 फ़ीसदी अधिक कमाई की है। साल 2018-19 में योगी सरकार ने छह प्रमुख महकमों में 1.2 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं। जबकि इन्हीं मदों में साल 2016-17 में समाजवादी पार्टी की सरकार ने 86 हजार करोड़ की कमाई की थी। इन महकमों में एक्साइज, कमर्शियल टैक्स, ट्रांसपोर्ट, माइनिंग, जीएसटी और रजिस्ट्रेशन शामिल हैं।
सबसे बड़ी बढ़ोतरी माइनिंग सेक्टर में दर्ज की गई है। यहां योगी सरकार ने कमाई में 100 फ़ीसदी बढ़त दर्ज की है। जहां 2016-17 में ये कमाई केवल 1552 करोड़ थी, वहीं 2018-19 में यह बढ़कर 3165 करोड़ हो गई है। इसके पीछे बड़ा कारण खान खनन विभाग में फैले भारी भ्रष्टाचार पर लगाई गई लगाम और पारदर्शी खनन आवंटन नीति को अपनाया जाना है।
इसी तरह नई शराब नीति के तहत एक्साइज से राजस्व पिछले साल की तुलना में 38 फीसदी बढ़कर 24 हज़ार करोड़ पहुंच गया है। इस बीच में कमर्शियल टैक्स में कमाई भी 51883 करोड़ से बढ़कर 70043 करोड़ हो गई है। राजस्व में इस भारी बढोत्तरी के पीछे लीकेज न होने और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का तर्क है।