बिहार में बारिश व बाढ़ की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है व पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से हुए हादसों में अब तक 42 लोगों की जान जा चुकी है। ऐसे में राजधानी पटना के ज्यादातर इलाकों में बाढ़ की बेबसी के बीच लोगों की रात जैसे तैसे लोगों की रात कट रही है व लोगों को रात जाग कर गुजारनी पड़ रही है। इस समय वहां किसी को भूख से नींद नहीं आ रही तो किसी को बुखार की वजह से, सभी परेशान है व लोगों को नीतीश सरकार की ओर से मदद मिलने का इंतजार है। प्रदेश में अब तक भारी बारिश से मरने वाले 42 लोगों में भागलपुर में दस, गया में छह, पटना व कैमूर में चार-चार, खगड़िया व भोजपुर में तीन-तीन, बेगूसराय, नालंदा व नवादा में दो-दो, पूर्णिया, जमुई, अरवल, बांका, सीतामढी व कटिहार में एक-एक आदमी शामिल हैं।
वहीं बीते चार दिनों से पटना शहर की ज्यादातर सड़कों पर कोई चहल पहल नहीं है व सभी स्थान केवल सन्नाटा है। इस समय पानी ने लोगों का जीना कठिन कर दिया है व शहर के करीब 80 प्रतिशत घर पानी में डूबे हैं। वहीं बारिश का पानी पटना में उपस्थित संयुक्त देश के दफ्तर में भी घुस गया व वहां सड़क पर कई फीट तक पानी है। वहीं पटना के एसके पुरी इलाके में बारिश के बाद गंदा पानी कई फीट तक मेडिकल क्लीनिक के अंदर तक घुस गया व वहां के दशा इतने बेकार थे कि क्लीनिक के अंदर रखे सोफे, दवाईयों के पैकेट तैर रहे थे, लेकिन अब जब पानी कम हो गया है तो समस्या गंदगी की है।
गंदा पानी भरने की वजह से वैसे हर स्थान से बदबू आ रही है। हाल ही में जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने बीते मंगलवार को पटना के जलमग्न हो गए इलाकों का निरीक्षण किया तो उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बात करें मौसम विभाग की तो उन्होंने अगले 24 घंटे के दौरान हल्की बारिश के संभावना जताए हैं।