भारत के तीनों सशस्त्र बलों के लिए स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले के प्राचीर से चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को नियुक्त करने की घोषणा की। सीडीएस तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल को बेहतर करने का काम करेगा। सेना अध्यक्ष विपिन रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्ति हो रहे हैं। अटकलें हैं कि वर्तमान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को यह पद दिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाई गई कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल हैं। समिति ने अभी तक सीडीएस के चार्टर को परिभाषित नहीं किया है। इस मामले से परिचित लोगों ने कहा कि सरकार के लिए प्रमुख एक एकल सैन्य सलाहकार होगा, जैसा कि के सुब्रह्मण्यम की अगुवाई वाली कारगिल समीक्षा समिति ने सुझाव दिया था।
सूत्रों के अनुसार,एक शीर्ष स्तरीय कार्यान्वयन समिति नवंबर तक सीडीएस के तौर-तरीकों और भूमिका को स्पष्ट करेगी। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होंगे जबकि जनरल रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर तक है। चीफ ऑफ डिफेंस पद बन जाने के बाद युद्ध के समय तीनों सेनाओं के बीच समन्वय स्थापित हो पायेगा। युद्ध के समय सिंगल प्वॉइंट आदेश जारी किया जा सकेगा, जिसका मतलब तीनों सेनओं को एक ही जगह से आदेश जारी होगा। जिससे सेना की रणनीति पहले से अधिक प्रभावशाली हो जाएगी।
अभी अमेरिका,चीन, यूनाइटेड किंगडम जापान के साथ-साथ कई और देशों के पास चीफ ऑफ डिफेंस का पद है। राष्ट्र सुरक्षा के सभी मामलों से सीमित संसाधनों से साथ निपटने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस के पद की बहुत जरूरत थी। चीफ स्टाफ कमेटी में थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख शामिल होते है।