लखनऊ।उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही से पहले सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चैधरी की टेबल के नीचे से विस्फोटक पदार्थ मिला था. इस घटना के बाद छप्। से जाँच कराने की बात कही गई थी. वहीँ इस प्रकरण पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चैधरी का बयान आया है। उन्होंने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों को इसे गंभीरता से लिया जाये। ये सुरक्षा में चूक का मामला है। उन्होंने कहा कि इसकी उच्चस्तरीय जाँच होगी। रामगोविंद चैधरी ने राष्ट्रपति चुनाव में मीरा कुमार का समर्थन करने को लेकर भी बयान दिया।
उन्होंने कहा कि सभी को उनके साथ आना चाहिए। विधानसभा के गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। मेटल डिटेक्टर के साथ सुरक्षाकर्मी खड़े रहते हैं। वहीँ इस पूरे घटनाक्रम में साजिश से इंकार भी नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार की वारदात के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। विस्फोटक नीले रंग के पॉलीथीन में रखा गया था। 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके में इस्तेमाल किया गया था। ये एक गंधहीन पदार्थ होता है और इसको मशीन भी नहीं पकड़ पाती है। ये छोटी से छोटी मात्रा में बढ़ा धमाका कर सकता है। वहीँ ये भी बात सामने आई है कि सदन के भीतर जाने वालों की तलाशी नहीं होती है। ऐसे में सुरक्षा में हुई इस चूक की जवाबदेही किसकी होगी। यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद हर कोई सकते में हैं। वहीँ विधानसभा की सुरक्षा में सेंध का यह सबसे बड़ा मामला है। मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हो गयी है। जिसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि, इतनी भारी सुरक्षा के बीच विस्फोटक पदार्थ विधानसभा में पहुंचा कैसे।