नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) लेकर कराए गए आईएएनएस-सीवोटर सवेर्क्षण में शनिवार को यह जानकारी सामने आई है कि क्षेत्रीय, राज्य और धर्मिक मान्यताओं के आधार पर इन्हें लेकर जनता के बीच मतभेद है। सी-वोटर के संस्थापक यशवंत देशमुख ने आईएएनएस से कहा कि भारत में अधिकांश लोगों, जिनमें ज्यादातर हिंदू हैं, वह इस कानून का समर्थन करते हैं। वहीं मुस्लिम समुदाय द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है।
क्षेत्र के आधार पर बात करें तो कानून का समर्थन उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों में अधिक है, जबकि दक्षिण और पूर्व में समर्थन कम है, लेकिन पूवोर्त्तर इस बाबत विभाजित नजर आ रहा है। असम में पूरे देश से इतर 68 प्रतिशत लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं। देशमुख ने कहा कि सभी समुदाय इस बात को मानते हैं कि बांग्लादेशी प्रवासी एक खतरा हैं और यहां आर्थिक अवसरों के लिए यहां आ रहे हैं लेकिन इसको लेकर राजनीतिक रवायत के चलते मुसलमानों के बीच भय को बढ़ाया जा रहा है।
ज्यादातर उत्तरदाताओं ने सरकार से सीएए और एनआरसी की विशेषताओं को ठीक से समझाने का आग्रह किया है, क्योंकि यह मुसलमानों में यह भावना है कि यह मुस्लिम विरोधी कानून है। आंकड़ों की बात करें तो 62.7 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इसका समर्थन किया है। इनमें 66.7 प्रतिशत हिंदू हैं। वहीं 63.5 प्रतिशत मुस्लिमों ने इसका विरोध किया है। असम में 68 प्रतिशत लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं।