ब्रेन ट्यूमर में दिमाग में कोई बहुत सी कोशिकाएं या कोई एक कोशिका असामान्य रूप से बढ़ती है। सामान्यतः दो तरह के ब्रेन ट्यूमर होते हैं कैंसर वाला (घातक) या बिना कैंसर वाला (सामान्य) ट्यूमर। दोनों ही मामलों में दिमाग की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं, जो कि कई बार खतरनाक सिद्ध होता है। इसके साथ सबसे बड़ी कठिनाई है कि इसके कोई विशेष कारण नहीं हैं, केवल कुछ शोधकर्ताओं ने इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स का पता लगाया है। ब्रेन ट्यूमर लक्षण दिखाई देते हैं।
व्यक्तिगत व व्यवहारिक बदलाव:जिन्हें फ्रन्टल लोब में ट्यूमर होता है वे अपने व्यवहार पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं। इन्हें नयी चीजें सीखने में कठिनाई होती है।
बोलने में कठिनाई :यदि किसी को टैंपोरल लोब में ट्यूमर होता है तो बोलने में कठिनाई होती है, ठीक तरह कहा नहीं जाता है।
शरीर का संतुलन बनाने में परेशानी:जब किसी को ट्यूमर होता है तो उसके शरीर का संतुलन नहीं बन पाता है, क्यों कि यदि सेरिबैलम में ट्यूमर है तो वह मूवमेंट को प्रभावित करता है।
सिरदर्द:यह ब्रेन ट्यूमर का सबसे बड़ा लक्षण है। यह दर्द मुख्यतः प्रातः काल होता है व बाद में यह लगातार होने लगता है, यह दर्द तेज होता है। यदि ऐसा लक्षण दिखाई दे तो जाँच कराएं।
रोजाना के कामों में गड़बड़ी करना:पराइअटल लोब में ट्यूमर होने पर संवेदना प्रभावित होती है, इससे आदमी को दैनिक क्रियाओं में कठिनाई होती है।
उबाक या उल्टी का मन होना:सिरदर्द की तरह यह भी प्रातः काल होता है, खास तौर पर जब आदमी एक स्थान से दूसरी स्थान जाता है तब यह ज्यादा होता है।