• युवाओं को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के अद्वितीय साहस एवं राष्ट्र प्रेम से प्रेरणा लेनी चाहिए: डॉ जीके थपलियाल
• नेताजी के साहस व बलिदान से अंग्रेज ने घुटने टेकने को हुए मजबूर: मेजर डॉ देशराज
लखनऊ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस शोध पीठ एवं गणेश शंकर विद्यार्थी सुभारती पत्रकारिता विभाग द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 128वीं जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया गया।
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सरदार पटेल पार्क में आयोजित भव्य पराक्रम दिवस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस शोध पीठ के अध्यक्ष मेजर डॉ देशराज सिंह एवं सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ जीके थपलियाल ने आज़ाद हिन्द का ध्वज फहराकर कर किया। इस दौरान सामूहिक आज़ाद हिन्द गान हुआ। संस्कृति विभाग के सचिव कुलदीप नारायण ने पराक्रम दिवस के इतिहास से सभी को रूबरू कराया।
कुलपति मेजर जनरल डॉ थपलियाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि युवाओं को नेताजी सुभाष चन्द्रबोस के अद्वितीय साहस, दृढ़संकल्प एवं राष्ट्र प्रेम से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में गुरू का होना अति आवश्यक है। नेताजी ने अपने आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानन्द जी को बनाया था।
इसी प्रकार आज के युवाओं को भी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को अपना गुरु बनाकर देशहित में सफल जीवन का लक्ष्य प्राप्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को इतिहास की सच्चाई से रूबरू कराना अति आवश्यक है ताकि जिन महापुरूषों ने हमारे देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है उन सभी महापुरुषों को नमन करके उनसे हमारी नई पीढ़ियां प्रेरणा ले सकें। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय नेताजी से प्रेरणा लेकर उनके सपनों को साकार करने का काम कर रहा है।
नेताजी सुभाष चन्द्रबोस शोध पीठ के अध्यक्ष मेजर डॉ देशराज सिंह ने नेताजी सुभाष चन्द्रबोस के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं से सभी को परिचित कराया। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाषचन्द्र बोस ने देशवासियों के हृदय में स्वतंत्रता की मशाल जलाने का गौरवपूर्ण कार्य किया था। उन्होंने कहा कि नेताजी के साहस व बलिदान से ही अंग्रेज भारतीयों के सामने घुटने टेकने को मजबूर हो गये थे।
आज राष्ट्रीय पराक्रम दिवस के गौरवशाली अवसर पर सभी को नेताजी के सपनों को आत्मसात करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मन की गुलामी से मुक्त होकर राष्ट्रहित को सशक्त बनाने हेतु कार्य करने चाहिए। इसके लिये शिक्षा पद्धति को संस्कार पूर्ण होना चाहिए। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ अतुल कृष्ण को भव्य आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय ने मेरठ की क्रांतिधरा का अभिमान शिखर पर पहुंचकर मॉ भारती के वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का उत्कृष्ट कार्य किया है।
कार्यक्रम में सफाईकर्मी नरेन्द्र ने राष्ट्रभक्ति गीत सुनाया। बीएजेएमसी की छात्रा मनीषा कुमारी, बीपीटी के छात्र मंदीप यादव ने नेताजी के जीवन पर कविता सुनाई। एमए राजनीति शास्त्र की छात्रा आयुषी सिंह ने नेताजी के जीवन के महत्त्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों के क्रम में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के अंतर्गत सड़क सड़क सुरक्षा की जागरूकता के लिए उपस्थित सभी छात्र छात्राओं और उपस्थित शैक्षणिक और शिक्षणेत्तर कर्मियों को सड़क सुरक्षा संबंधी शपथ दिलाई गई। साथ ही कार्यक्रम के अंत में उपस्थित अतिथियों व विद्यार्थियों ने साथ मिलकर मानव श्रृंखला बनाकर सड़क सुरक्षा का संदेश दिया।
कार्यक्रम में पराक्रम सप्ताह के अन्तर्गत 17 जनवरी से 22 जनवरी के बीच पत्रकारिता और जनसंचार विभाग द्वारा कराई गई विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन राम प्रकाश तिवारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग से डॉ प्रीति सिंह ने दिया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति डॉ देवेन्द्र स्वरूप, कुलसचिव एम याकूब सहित सभी संकाय व विभाग के डीन, अध्यक्ष, शिक्षकगण सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।