नई दिल्ली। बीजेपी सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए हज यात्रियों को दी जानी वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। खबरों के अनुसार सरकार ने कहा है कि उसका यह फैसला अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण की दिशा में कदम है।
इसी साल से खत्म करने का बीजपी सरकार का निर्णय
बीजेपी सरकार के केंद्रीय अल्पसंख्यमक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के हवाले से आई खबरों के अनुसार हज यात्रा पर जाने वालों को मिलने वाली केंद्र सरकार की सब्सिडी इसी साल से खत्म कर दी गई है।
- बता दें कि हर साल 1.75 लाख मुस्लिम हज यात्रा पर जाते हैं।
- नकवी के अनुसार भाजपा की सरकार आने के बाद हर साल हज सब्सिडी के लिए 700 करोड़ रुपए दिए जाते थे ।
- और इसका सबसे ज्यादा फायदा एयर इंडिया को मिलता था।
- बता दें कि भारत में हज सब्सिडी की शुरुआत 1954 में हुई थी।
- और तब से हर साल हज पर जाने वाले मुस्लिमों को हवाई यात्रा व अन्य सुविधाओं में सब्सिडी दी जाती रही है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए
- 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर लगी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए।
- केंद्र सरकार को 2022 तक हज सब्सिडी पूरी तरह से खत्म करने के निर्देश दिए थे।
- इसके बाद हर साल मिलने वाली सब्सिडी में धीरे-धीरे कटौती की जाने लगी।
- आदेश के बाद हर साल हज सब्सिडी में थोड़ी-थोड़ी कमी की जाने लगी।
- और 2012 के मुकाबले 2017 में यह घटकर महज 200 करोड़ रुपए रह गई।
- इधर भारत के हज यात्रियों को समुद्री मार्ग से भेजने की योजना को सऊदी अरब ने मंजूरी दे दी है।
- मुख्तार अब्बास नकवी ने सऊदी अरब के हज व उमराह मंत्री मोहम्मद सालेह बिन ताहेर बेंटेन के साथ करार किया है।
- सऊदी अरब की रजामंदी मिलने से 23 साल बाद फिर से समुद्री मार्ग खुलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
- 1995 में इसे बंद किया गया था, उसके बाद से हवाई मार्ग के जरिये लोग हजयात्रा पर जा रहे हैं।
- नकवी ने बताया अब दोनों देश समुद्री यात्रा के तकनीकी पहलुओं पर विचार करेंगे।
- जिससे आने वाले सालों में इसे शुरू किया जा सकेगा।
- नकवी का कहना है कि पहले समुद्र के रास्ते हज यात्रा में 12 से 15 दिनों का समय लगता था।
- लेकिन अब तीन से चार दिन में जहाज से यात्रा समाप्त कर सकते हैं।
- एक तरफ का रास्ता 23 सौ नॉटिकल मील का है।
- 1995 में मुंबई के यलो गेट से सऊदी अरब के जेद्दाह तक जल मार्ग पर यात्रा होती थी।