हिंदी भवन नई दिल्ली में मां हंसवाहिनी साहित्यिक मंच द्वारा वरिष्ठ गज़लकार अहमद अली बर्की आज़मी की अध्यक्षता में मंच का वार्षिक उत्सव एवं सम्मान समारोह का सुन्दर आयोजन किया गया। इस सुन्दर आयोजनक के मुख्य अतिथि रहे हिंदुस्तान के मशहूर गीतकार डॉ.गोरख प्रसाद मस्ताना जी एवं अति विशिष्ट अतिथियों में हिंदुस्तान के मशहूर गीतकार डॉ.अशोक मधुप जी ,वरिष्ठ साहित्यकार/गीतकार एवं अध्यक्ष कायाकल्प मंच, नरेश शांडिल्य जी, वरिष्ठ साहित्यकार/दोहाकार, अनिल मीत जी वरिष्ठ ग़ज़लकार, आशा त्रिपाठी जी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं साहित्यकार, महेंद्र शर्मा वरिष्ठ साहित्यकार , डॉ. पूजा कौशिक जी, वरिष्ठ साहित्यकार। जगदीश मीणा अध्यक्ष, मां हंस वाहिनी साहित्यिक मंच रहेI सर्वप्रथम सभी अतिथियों ने मां शारदे के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित किये। सरस्वती वन्दना की शोभा सचान ने कार्यक्रम के प्रथम सत्र (सम्मान समारोह) का शानदार संचालन किया। संस्था की उपाध्यक्ष ममता लड़ीवाल ने।
संस्था के अध्यक्ष जगदीश मीणा ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया और महासचिव डॉ. मनोज कामदेव ने संस्था की वार्षिक गतिविधियों की जानकारी दी। इसके पश्चात मंच पर आसीन सभी वरिष्ठ साहित्यकारों का माला, शॉल और प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत व सम्मान किया गया। दिल्ली एनसीआर में कार्यरत सभी मुख्य साहित्यिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी अंगवस्त्र, माला और प्रतीक चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया। जिनमें शामिल रहे- रामकिशोर उपाध्याय, गुरचरन मेहता ‘रजत’, वसुधा कनुप्रिया, कालीशंकर सौम्य, संगीता शर्मा अधिकारी, असलम बेताब, शैल भदावरी, सुरेश पाल ‘जसाला’, आशीष प्रकाश, चंद्रमणि ब्रह्मदत्त, रीता पात्रा, बबली वशिष्ठ।
इसके साथ ही पत्रकारिता के माध्यम से साहित्य के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान देने के लिए ट्रू मीडिया के संपादक ओमप्रकाश प्रजापति, तीरथ राज यादव, अंजुम ज़ाफ़री, केबी एस प्रकाशन को संस्था की ओर से अंगवस्त्र, माला और प्रतीक चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया। संस्था द्वारा 3 विशिष्ट सम्मान भी प्रदान किये गए। ‘युवा ग़ज़लकार 2019’ का सम्मान दिया गया ग़ज़लकार पवन कुमार तोमर को। ‘युवा गीतकार 2019’ से सम्मानित किया गया गीतकार प्रवीण कुमार पांडे ‘प्रज्ञार्थु’ को। साथ ही ‘युवा कहानीकार 2019’ का सम्मान दिया गया कहानीकार अंजू खरबंदा को। तीनों सम्मानित रचनाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सभी श्रोताओं का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ रचनाकारों- इंद्रजीत सुकुमार, हरियाणा गौरव सुनील शर्मा, मुस्कान शर्मा, दिलदार देहलवी, सुषमा शैली, सुशील शैली, शिवानी शर्मा (जयपुर), दमयन्ती शर्मा, जगदीश भारद्वाज, महेंद्र मधुकर जी, रामश्याम हसीन जी, विनोद परासर जी, रीता चुग जी, रणविजय श्रीवास्तव जी, मधुरेश शरण जी, एएस अली खान जी एवं कुसुमलता पिण्डोरा जी का भी अंगवस्त्र एवं माला पहना कर सम्मान किया गया।
मां हंसवाहिनी साहत्यिक मंच से जुड़े नए सदस्यों- भूपिंदर कौर, मुक्ता मिश्रा, मनीषा सक्सेना, प्रीति शुक्ला, भारती कालिया, विजयालक्ष्मी भट्ट व संज्ञा प्रस्नोति को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में वैज्ञानिक एवं साहित्यकार आशा त्रिपाठी जी द्वारा संपादित पुस्तक ‘विवेकानंद ज्योति’ का भी विमोचन हुआ। इस अवसर पर हमेशा की तरह कवि एवं चित्रकार संजय कुमार गिरि ने अपना बनाया पेंसिल स्केच वरिष्ठ गीतकार डॉ. अशोक मधुप, रामश्याम हसीन, असलम बेताब एवं मनीषा सक्सेना जी को भेंट किया। जिसकी सभी उपस्थित श्रोताओं ने प्रसंसा कीI
संस्था के अध्यक्ष जगदीश मीणा, उपाध्यक्ष ममता लड़ीवाल, महासचिव डॉ. मनोज कामदेव, मीडिया प्रभारी संजय गिरि, कोषाध्यक्ष शोभा सचान, संगठन सचिव पीयूष कांति एवं सचिव निर्देश पाबला जी ने अपनी कर्मठता एवं आतिथ्य सत्कार से आयोजन को पारिवारिक माहौल एवं भव्यता प्रदान की। जलपान के पश्चात कार्यक्रम का द्वितीय सत्र प्रारम्भ हुआ, जिसका संचालन किया निर्देश पाबला ने। मंचीय अतिथियों सहित सभागार में उपस्थित लगभग सौ कवियों ने उत्कृष्ट काव्य पाठ कर कार्यक्रम को नई ऊंचाइयां प्रदान की। क़रीब 5 घंटे तक चले इस भव्य एवं सफ़ल आयोजन में वक़्त का पता ही नहीं चला, कार्यक्रम अध्यक्ष आज़मी साहब के काव्य पाठ के बाद संस्था की ओर से पीयूष कांति ने धन्यवाद ज्ञापित किया।