आजमगढ़। जिले के मुबारकपुर थाने के सिकठी शाह मुहम्मदपुर निवासी स्व. मुहम्मद अली की पुत्री सलमा खातून की शादी मुबारकपुर थाने के जमुड़ी गांव निवासी मो. जाहिद पुत्र मोहम्मद सोफियान से मुस्लिम रीति रिवाज से 26 अक्तूबर 2013 में शादी हुई थी। इस बीच 14 सितंबर 2014 को सलमा खातून को एक लड़की पैदा हुई। पुत्री के पैदा होने के बाद पति और ससुराल वाले दहेज की मांग करने लगे और प्रताड़ित करने लगे।
23 अक्तूबर 2017 को ससुराल वालों ने विवाहिता सलमा को मारा-पीटा। तभी से सलमा खातून और उसके पति के बीच दीवानी न्यायालय में दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा व भरण पोषण का मुकदमा चल रहा है। इस बीच एक सप्ताह पूर्व 14 नवंबर को ससुराल वाले सलमा खातून को सुलह-समझौता के लिए बुलाया। सलमा अपने भाई सहाबुद्दीन के साथ 14 नवंबर की शाम को जमुड़ी गांव पहुंची। गांव के हेसामू के घर पर दोनों पक्षों के बीच पंचायत हुई। पंचायत के दौरान पति अचानक उत्तेजित हो गया और मुकदमा उठाने का दबाव बनाने के लिए गाली देने लगा। गुस्से में आकर पति तीन बार तलाक-तलाक तलाक बोल कर तलाक दे दिया। कहा कि मै दूसरी शादी करने जा रहा हूं। तुम्हे जो करना हो जाकर कर लेना। तलाक देने के बाद गाली और जान से मारने की धमकी देते हुए भरी पंचायत से उठ कर चला गया।
मुबारकपुर थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार मिश्र ने बताया कि पीड़िता की तहरीर पर पति मो. जाहिद और उसके परिवार वालों के खिलाफ दहेज को लेकर उत्पीड़न और तीन तलाक देने पर मुस्लिम महिला विवाह अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही है।