डोपिंग के खिलाफ भारत की मुहिम को बड़ा झटका लगा है। टोक्यो ओलंपिक में ट्रैक और फील्ड में भाग लेने वाले दो भारतीय एथलीट डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं। दोनों को राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर से बाहर कर दिया गया है और तीन साल का बैन भी लगाया गया है।
भारतीय एथलेटिक्स फेडेरेशन ने फजीहत से बचने के लिए ऐसा किया है। भारत के एक पुरुष और एक महिला एथलीट डोप टेस्ट में फेल हुए हैं।डोपिंग के मामले में भारत रूस और इटली के बाद तीसरे नंबर पर है। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी की 2021 में जारी रिपोर्ट के अनुसार डोपिंग के सबसे ज्यादा 167 मामले रूस में थे।भारत की जिस महिला एथलीट की डोपिंग रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, वह राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर का हिस्सा थी और उससे इस साल कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में मेडल की उम्मीद थी। यह एथलीट विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप के फाइनल में भी पहुंचने की दावेदार थी। इस खिलाड़ी के शानदार प्रदर्शन के चलते देश को इससे पदक की उम्मीद थी।
घरेलू स्तर में भी अंडर-23 में 100 मीटर दौड़ में पदक जीतने वाली एक महिला खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट में फेल हुई है। इस खिलाड़ी को भविष्य का सितारा माना जा रहा था। इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाला एक पुरुष खिलाड़ी भी डोप टेस्ट में फेल हुआ है।