सेहतमंद जिंदगी के लिए 8 घंटे की नींद को महत्वपूर्ण माना जाता है। रात की नींद बहुत ज्यादा जरूरी होती है लेकिन हम नींद के फायदों को भी दरकिनार नहीं कर सकते हैं। थोड़ी देर झपकी लेना जहां बहुत ज्यादा लाभकारी होता है वहीं बेहद झपकी लेना स्वास्थ्य के लिए घातक भी साबित हो सकती है। इससे अल्जाइमर यानी कि भूलने की बीमारी का भी खतरा होने कि सम्भावना है। कई बार ऐसा भी होता है कि आपको कार्यालय में कार्य करते करते नींद के झोंके आते हैं तो ये अल्जाइमर की बीमारी की तरफ भी एक गंभीर इशारा होने कि सम्भावना है। आइए जानते हैं क्या कहता है शोध
कुछ समय पहले हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई कि सामान्य से ज्यादा झपकी आना अल्जाइमर का एक गंभीर इशारा होने कि सम्भावना है। यह स्टडी यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन फ्रांसिस्को में प्रकाशित की गयी थी। इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर से मरने वाले करीब 13 लोगों के ब्रेन के अल्जाइमर से प्रभावित भाग के लक्षणों को मापा व फिर उनकी तुलना ऐसे लोगों के दिमाग से की जिनमें अल्जाइमर के कोई भी लक्षण नहीं थे।
शोधकर्ताओं के मुताबिक़, अल्जाइमर में दिमाग के वही हिस्से ज्यादा प्रभावित होते हैं जिनकी वजह से आपको दिन में जागना पड़ता है। यही कारण है कि याददाश्त धूमिल होने से पहले अल्जाइमर के मरीज दिन में ज्यादा सोने लगते हैं। इसके साथ ही यह भी खुलासा हुआ कि दिमाग का जो भाग दिन में जागने का कार्य करता है वो Tau नामक प्रोटीन से नष्ट हो जाता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि अल्जाइमर में अमाइलॉइड प्रोटीन (Amyloid Protein) से ज्यादा अहम किरदार Tau प्रोटीन प्रोटीन निभाता है।