कोरोना संकट के बीच कॉलेज के छात्रों के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. अंडर ग्रेजुएशन कोर्स के प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्र और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स के दूसरे सेमेस्टर के छात्रों को अगले साल या सेमेस्टर में प्रमोट करने का फैसला लिया गया है. पिछले साल के सेमेस्टर के परफॉर्मेंस के अनुसार या आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगले सत्र में छात्र प्रमोट होंगे. बकायदा ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात की जानकारी दी है.
अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट करते हुये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के परीक्षार्थियों के पूर्व वर्षों या सेमेस्टर्स के सर्वाधिक अंकों के आधार पर अंतिम वर्ष यासेमेस्टर के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे. जो परीक्षा देकर अपने अंकों में सुधार चाहते हैं, वे आगामी घोषित तिथि पर ऑफलाइन परीक्षा दे सकेंगे. स्कूलों को खोलने के संबंध में 31 जुलाई को समीक्षा कर निर्णय लेंगे. 12वीं कक्षा के ऐसे विद्यार्थी जो किसी कारणवश 12वीं की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनके लिए एक बार फिर परीक्षा आयोजित होगी.
जानकारी के अनुसार प्रदेश में कोरोना संकट को देखते हुये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को प्रदेश के उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के हित में बड़ा निर्णय लिया है. अब स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष तथा स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर के परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा दिए उनके गत वर्ष या सेमेस्टर के अंकों या आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा या सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि साथ ही स्नातक अंतिम वर्ष एवं स्नातकोत्तर चतुर्थ सेमेस्टर के परीक्षार्थियों के पूर्व वर्षों या सेमेस्टर्स में से सर्वाधिक अंक प्राप्त परीक्षा परिणाम को प्राप्तांक मानकर अंतिम वर्ष अथवा सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम घोषित किए जाएंगे. अधिकारी ने बताया कि ऐसे परीक्षार्थी जो परीक्षा देकर और सुधार चाहते हैं, उनके पास परीक्षा देने का विकल्प भी रहेगा. वे आगामी घोषित तिथि पर ऑफलाइन परीक्षा दे सकेंगे.
मध्य प्रदेश में वर्तमान शैक्षणिक सत्र में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर कुल 17.77 लाख परीक्षाथीज़् हैं. सोमवार को सीएम शिवराज ने मंत्रालय में कोरोना के परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालयीन परीक्षाओं के संचालन तथा शालाओं को प्रांरभ करने के संबंध में बैठक ली. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शालाओं को खोलने के संबंध में 31 जुलाई को समीक्षा कर निणज़्य लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 12वीं के ऐसे विद्यार्थी जो किसी कारणवश परीक्षा नहीं दे पाए हैं उनके लिए एक बार फिर परीक्षा आयोजित होगी. प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि ने बताया कि अगले हफ्ते से बच्चों को किताबों का वितरण कराने की व्यवस्था की जा रही है.