एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की हत्या में गिरफ्तार मुख्य आरोपित सचिन वझे ने एक शातिर अपराधी की तरह पूरे मामले का तानाबाना बुना था. महाराष्ट्र के शीर्ष नेताओं के संरक्षण में वाझे इतना बेखौफ हो गया था कि उसने एंटीलिया केस को हल करने के नाम पर दो लोगों को फर्जी मुठभेड़ में मार गिराने की तैयारी कर रखी थी. एंटीलिया कांड से वह एक तीर से कई शिकार करने वाला था.
दोनों मामलों की जांच कर रही एनआईए को इस बात के सुराग मिले हैं कि वाझे एंटीलिया केस को खोलने के लिए दो लोगों को ठिकाने लगाने के लिए चिह्नित भी कर लिया था. इनमें से एक व्यक्ति का पासपोर्ट उसके घर से बरामद हुआ है. हालांकि जांच एजेंसी ने अभी उस व्यक्ति का नाम नहीं खोला है.
सूत्रों के अनुसार अंटीलिया केस से वह खुद को सुपरकॉप के रूप में प्रतिष्ठित करना चाहता था. वह इस मामले के जरिये ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहता था. लेकिन मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी के हाथ में जाने से उसकी पूरी योजना पर पानी फिर गया. सूत्रों के अनुसार उसने इस मामले में पासपोर्ट धारक व एक अन्य को फर्जी मुठभेड़ में मारना चाहता था. इसके लिए एक ईको गाड़ी का भी इंतजाम कर लिया गया था. यह गाड़ी पिछले साल नवंबर में औरंगाबाद से चुराई गई थी.
सूत्रों के अनुसार वाझे इस मामले में दो लोगों को ठिकाने लगाकर वाहवाही लूटना चाहता था. लेकिन उसकी योजना सिरे नहीं चढ़ पाई. सूत्रों के अनुसार वझे किस कदर खतरनाक था, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एंटीलिया केस में जब उसके फंसने की बारी आई तो उसने अपनी साथी मनसुख हिरेन को ही रास्ते से हटा दिया. वझे की करतूतों से अब जिस तरह हर दिन पर्दा उठ रहा है उससे लगता है कि पुलिस की नौकरी में पैसा बनाने के लिए उसने हर वह गलत काम किया जिन्हें रोकने की जिम्मेदारी पुलिस की होती है.