स्वर कोकिला लता मंगेशकर 28 सितम्बर को 91 वर्ष की हो गई हैं। इतने वर्षों में कोई भी गायिका लता मंगेशकर के शिखर को नहीं छू पाई हैं। उनका जन्म पंडित दीनानाथ मंगेशकर और शेवंती के घर 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था।
देश-दुनिया में उनके चाहने वाले करोड़ों प्रशंसक उनको जन्मदिन की बधाई दे रहे हैं। सुप्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर को जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बॉलीवुड हस्तियों ने जन्मदिन की शुभकामानएं दी हैं। आइए जानते हैं लता मंगेशकर की कुछ अनसुनी बातें, जो आपने कभी नहीं सुनी होंगी।
- -लता का पहला नाम हेमा था, लेकिन उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर के एक नाटक ‘भावबंधन’ में एक चरित्र लतिका से प्रभावित होकर उनका नाम लता कर दिया गया।
- -लता को पांच वर्ष की आयु में पहली बार एक नाटक में अभिनय करने का अवसर मिला। शुरुआत अवश्य अभिनय से हुई, लेकिन उनकी दिलचस्पी संगीत में ही थी।
- -लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर ने उनको तब से संगीत सिखाना शुरू किया, जब वे पांच साल की थी।
- -वर्ष 1942 में इनके पिता का निधन हो गया। 1942 में लता ने एक मराठी फिल्म ‘किटी हासल’ में एक गाना ‘नाचूं या गड़े’ गाया था, लेकिन बाद में इस गाना को फिल्म से निकाल दिया था। उसके बाद कुछ लोगों ने लता को यह कहकर रिजेक्ट कर दिया कि उनकी आवाज पतली है।
- -लता को पहली बार मंच पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे। लता मंगेशकर ने 13 साल की उम्र में पहली बार साल 1942 में आई मराठी फिल्म ‘पहली मंगलागौर’ में गाना गाया था।
- -लता ने अपने माता-पिता से किए गए वादे को जीवन भर निभाया। उन्होंने अपने भाई बहन की जिंदगी बनाने के लिए ताउम्र शादी नहीं किया।
- -इतिहास की सर्वाधिक गाना गाने वाली कलाकार के रूप में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में 1974 में ही दर्ज हो गया था।
- -लता मंगेशकर ने अपने सात दशक के करियर में कई भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए हैं। उन्हें 2001 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। लता मंगेशकर को दादा साहेब फाल्के, पद्म विभूषण, पद्म भूषण और तीन नेशनल अवॉर्ड्स सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया है।
- -लता मंगेशकर बॉलीवुड अभिनेता दिलीप कुमार को अपना भाई मानती हैं। तलत महमूद, मुकेश और मदन मोहन रक्षाबंधन पर लता से राखी बंधवाते थे। दिलीप कुमार अभी 97 वर्ष के हैं।
- -हिंदी सिनेमा के मशहूर म्यूजिक डायरेक्टर ओपी नैयर के साथ लता मंगेशकर ने कभी काम नहीं किया। एक बार मध्यप्रदेश सरकार ने नैय्यर को लता मंगेशकर अवॉर्ड देने की घोषणा की तो नैय्यर ने उसे लेने से मना कर दिया था।