कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में भाजपा बड़े बदलाव से अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेगी। पार्टी नेतृत्व ने सत्ता विरोधी माहौल की काट के लिए नए चेहरों पर तो दांव लगाया ही है, साथ ही दागी और पुराने चेहरों को भी बदलने की कवायद की है।
प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को घेरने के लिए भी सामाजिक समीकरणों के दांव खेले हैं और उनके प्रमुख नेताओं को उनके घरों में ही घेरने के लिए अपने वरिष्ठ नेताओं को उतारा है।
भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी करने में पांच दिन का वक्त लिया। ऐसा इसलिए हुआ, क्योंकि पहले पार्टी नेतृत्व जहां अपने दिग्गज नेताओं के टिकट काटने और उनके दबाव में आकर परिजनों को चुनाव मैदान में उतारने पर सहमत होती देख रही थी। मगर, बाद में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में बदलाव पर जोर दिया तो राज्य के बड़े नेताओं को मनाने की कोशिश की गई और नए चेहरों को सामने लाने की कवायद की गई।
इस अभियान में पार्टी के बड़े नेताओं ने खुद कमान संभाली और गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने मोर्चा संभाला। प्रमुख नेताओं से एक-एक कर बात की गई। सूत्रों के अनुसार, येदियुरप्पा बड़े पैमाने पर टिकट टिकट काटे जाने से सहमत नहीं थे, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने भविष्य की रणनीति को देखते हुए यह फैसला किया।
यही वजह है कि येदियुरप्पा के जाने के बाद केंद्रीय नेतृत्व में सूची तैयार की गई। हालांकि, इसमें येदियुरप्पा को भी भरोसे में लिया गया। मगर, उन्हें सामने रखने के बजाय यह काम केंद्रीय नेतृत्व ने खुद किया, ताकि राज्य में गुटबाजी न उभरे।
कर्नाटक में भाजपा ने अपने कई पुराने नेताओं को टिकट नहीं दिया है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और वरिष्ठ नेता के.एस. ईश्वरप्पा शामिल हैं। ईश्वरप्पा ने केंद्रीय नेतृत्व की सलाह मानते हुए खुद ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। इसके अलावा पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी. वाय. विजयेंद्र को उनके पिता की सीट शिकारीपुर से उम्मीदवार बनाया है।
जबकि, येदियुरप्पा पहले ही चुनावी राजनीति से दूर हो चुके हैं। चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके शेट्टार को पार्टी की ओर से मनाने का प्रयास किया जा रहा है। पार्टी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उनकी जगदीश शेट्टार से बात हुई है और उम्मीद है कि वह मान जाएंगे।
भाजपा ने अपने दो वरिष्ठ नेताओं आर. अशोक और वी. सोमन्ना को दो-दो सीट से उतारा है। सोमन्ना एक सीट वरुणा से कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को चुनौती देंगे, जबकि आर. अशोक कनकपुरा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। दोनों सीट कठिन हैं, ऐसे में पार्टी ने अपने इन दोनों नेताओं को हर हाल में विधानसभा में लाने के लिए दूसरी सीट भी दी हैं। इनमें सोमन्ना चामराजनगर से और अशोक पद्मनाभ नगर से भी चुनाव लड़ रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि अपनी सीट चिकमंगलूर से ही चुनाव लड़ेंगे।