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सीमा विवाद: चीन की नरमी पर क्या छिपी है कोई साजिश

लद्दाख सीमा पर भारत के सख्त स्टैंड के बाद चीन ने अपने रुख में नरमी लाते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा तनाव को लेकर दोस्ती भरा बयान देने लगा. हालांकि भारतीय डिफेंस सूत्रों ने कहा कि चीन के बयानों को तबतक खास तवज्जो देने की जरूरत नहीं है जबतक जमीनी हकीकत में कोई बदलाव न हो. आर्मी के शीर्ष अधिकारी ऑपरेशनल तैयारियों में जुटे हुए हैं. सुरक्षा सूत्रों का मानना है कि जबतक चीनी सुरक्षाबलों बिना किसी शर्त के लद्दाख के इलाकों से पीछे नहीं हटते हैं तबतक ऐसे बयानों का कोई मतलब नहीं है.

डिफेंस सूत्रों ने बताया कि बुधवार को चीन विदेश मंत्रालय और उसके राजदूत के बयान के कुछ ज्यादा मायने नहीं निकाला जाना चाहिए. सूत्रों ने बताया कि जबतक भारत की सीमा वाले इलाके में घुसी चीनी सेना वापस नहीं जाती है तबतक इन बयानों का कोई मतलब नहीं है.

बता दें कि भारत में चीन के राजदूत सुन वेडांग ने कहा है कि भारत और चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं. द्विपक्षीय सहयोग में दोनों देशों के मतभेद की परछाई पड़ने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. कुछ पत्रकारों और युवाओं के डेलिगेशन के साथ वेबिनार में राजदूत सुन वेडांग ने कहा, ड्रैगन और हाथी के साथ-साथ डांस करने की हकीकत को समझना चीन और भारत दोनों के लिए सही विकल्प है. इसी से दोनों देशों और उनके नागरिकों के मूल हित सुरक्षित रहेंगे. दो बड़ी उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में चीन और भारत को आपसी सहयोग मजबूत करना चाहिए. जिससे दोनों समान हित के केक का विस्तार कर सकें.

LAC के पैंगोंग शो, डेमचोक और गालवान घाटी इलाके में करीब 1,200 से 1,500 चीनी सैनिक हैं और भारतीय सैनिक उनको कारगर तरीके से रोके हुए है. यहीं नहीं, चीन ने विवाद वाले क्षेत्र के करीब अतिरिक्त सैनिक अपने इलाके में बढ़ाए हैं और करीब 5 हजार सैनिक वहां मौजूद हैं.

चीनी हरकत को देखते हुए भारत ने इस इलाके में सैनिकों की संख्या बढ़ी दी है. पिछले करीब एक महीने से चल रहे विवाद का कई राउंड की बैठकों के बाद टलता नहीं दिख रहा है. जून-अगस्त 2017 में सिक्किम-भूटान और तिब्बत ट्राई जंक्शन के करीब डोकलाम में भारतीय और चीनी सेना के बीच चला तनाव 73 दिन का तनाव कड़े कूटनीतिक प्रयासों के बाद खत्म हुआ था. एक सूत्र ने कहा, लेकिन उसके बाद चीनी सेना ने वहां स्थायी तौर पर सैनिकों की तैनाती कर दी और वहां सैन्य इन्फ्रस्ट्रक्चर बना दिए हैं और उत्तरी डोकलाम में हैलीपैड बना दिए हैं. इस बार हमारे हिस्से वाले इलाके में तनाव बढ़ा है.

एक अधिकारी ने बताया कि आर्मी कमांडरों की चल रही बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी. आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में 6 ऑपरेशनल और ट्रेनिग कमांड के सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल स्तर के अधिकारी भाग रहे हैं. इस बैठक में ऑपरेशनल स्थिति और चुनौतियों पर चर्चा होगी.’ चिंता की बात यह है कि चीन लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैली 3488 किमी लंबी एलएसी के बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहा है जिससे इस तरह की तनातनी में कमी आएगी. चीन मिलिटरी कमांडर जैसे भारत-पाकिस्तान की तरह DGMO लेवल स्तर की हॉटलाइन बनाने को लेकर भी हामी नहीं भर रहा है.

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