उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे यूपी का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है, जिसमें पीपीपी मॉडल के तहत सोलर प्लांट्स लगेंगे, जिसके जरिए 550 मेगावाट सोलर पावर जेनरेट की जाएगी. इस परियोजना से एक्सप्रेसवे से जुड़े हुए 1 लाख घरों को रोजाना बिजली मिल सकेगी।
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उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी यूपीआईडी बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सोलर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित करने जा रही है, जिसके लिए एक्सप्रेसवे पर 1700 हेक्टेयर भूमि भी चिन्हित कर ली गई है।इसके लिए बड़ी कंपनियां इस परियोजना में दिलचस्पी ले रही हैं।
इस प्रक्रिया में आठ प्रमुख सोलर पावर डेवलपर्स ने अपना प्रेजेंटेशन पूरा किया है,जिसमें टास्को, टोरेंट पावर सोमाया सोलर सॉल्यूशन, आर मैनेजमेंट, अवाड़ा एनर्जी, एरिया वृंदावन पावर, एरियाश मोबिलिटी शामिल है।
इस परियोजना के पूरा होने पर ग्रीन एनर्जी भी डेवलप होगी। इस परियोजना से बुंदेलखंड, पूर्वांचल, लखनऊ आगरा और गोरखपुर एक्सप्रेसवे पर सोलर प्लांट लगाने से ऊर्जा खपत पर सालाना 6 करोड़ रुपए का लाभ भी मिल जाएगा।
सोलर प्लांट बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि वह पूरी तरीके से उपयुक्त है। यहां पर भूमि आसानी से उपलब्ध है और यह शुष्क क्षेत्र है, जहां पर साफ मौसम रहता है और प्रतिवर्ष लगभग 800 से 900 मिलीमीटर औसत वर्षा होती है।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश में दो नए हाईवे भी बनने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 नवंबर को एक विशेष बैठक में फर्रुखाबाद को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए थे।
सीएम योगी ने आदेश दिया कि गंगा एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की कार्यवाही को पूरी गुणवत्ता के साथ समय-सीमा के भीतर पूरा करा लिया जाए। इसके अलावा बुंदेलखंड एक्सप्रेस की राइडिंग क्वालिटी को और बेहतर करने के लिए जारी अनुरक्षण कार्य को समय से पूरा करने की बात भी सीएम योगी ने कही थी।
पूर्वांचल, बुंदेलखंड, गंगा, आगरा-लखनऊ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों ओर औद्योगिक क्लस्टर के विकास की प्रक्रिया तेज की जाएगी।बता दें कि गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 11, बुंदेलखंड में 6, आगरा-लखनऊ में 5, पूर्वांचल में 6 और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे में 2 औद्योगिक गलियारे विकसित किये जायेंगे।