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साढ़े सात करोड़ की बसें तीन महीने में खराब, 40 हजार KM भी नहीं चल पा रहे बीएस-6 वाहन

आधुनिक सुविधाओं से लैस परिवहन निगम की बीएस-6 बसें तीन महीने में हाफ गईं। साढ़े सात करोड़ की लागत से मुरादाबाद परिक्षेत्र में आई बीएस-6 की बीस बसें तो 30 से 40 हजार किमी भी नहीं चल पाई और खराब हो गईं। बीच रास्ते में खराब होने वाली ये बसें वर्कशॉप में खड़ी हैं। इससे यात्रियों को परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है।

एक साल के भीतर मुरादाबाद जोन के सात डिपो में हाईटेक सुविधा से युक्त बीएस-6 की 112 बसों को शामिल किया गया है। एक बस की कीमत करीब 35 से 40 लाख रुपये है। मुरादाबाद जोन की लगभग 20 बसें अब जवाब देने लगी हैं। बसें 30 से 40 हजार किलोमीटर चलने के बाद ही खराब हो गईं। ये बसें तीन से चार महीने भी ठीक से नहीं चल पाईं।

इसमें बिजनौर डिपो की छह, मुरादाबाद और रामपुर डिपो की तीन-तीन, नजीबाबाद की दो, पीतल नगरी और अमरोहा डिपो की एक-एक, दो अन्य डिपो की बसें शामिल हैं। इंजन में खराबी और अधिक मात्रा में यूरिया खाने जैसी आदि समस्या होने से बसों को खड़ा करना पड़ रहा है। जिस वजह से बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है।

मुरादाबाद जोन से बीएस-6 बसों का संचालन दिल्ली रूट पर किया जाता है। चालकों और परिचालकों ने बताया कि बीच रास्ते में बसों के खराब होने पर उन्हें पास के वर्कशॉप में ले जाते हैं। कोशिश की जाती है कि तत्काल बसों को दुरुस्त करा दिया जाए। लेकिन जब बसें ठीक नहीं होती हैं तो उन्हें सर्विस सेंटर भेजा जाता है। इसके बाद बसों को ठीक कराने में कई दिन लग जाते हैं।

इंजन सीज होने का रहता है खतरा
बीएस-6 बसों में डीजल के साथ यूरिया नामक तरल पदार्थ डाला जाता है। यदि इन बसों में यूरिया न डाला जाए तो यह एक कदम भी नहीं चल सकती हैं। इसके बाद भी यदि इन बसों को गलती से चला दिया जाए तो बस का इंजन सीज होने का खतरा बना रहता है।

यूरिया क्या है
यूरिया एक तरल पदार्थ होता है। जो डीजल इंजन के निकास में हानिकारक गैसों को खत्म करने के लिए बसों में प्रयोग किया जाता है। नाइट्रोजन ऑक्साइड के हानिकारक उत्सर्जन को कम करने के लिए डीजल वाले वाहनों में लगे सलेक्टिव कैटेलिटिक रिएक्शन सिस्टम में यूरिया का उपयोग होता है। इससे बसें धुआं नहीं देती हैं।

बीएस-6 की जिन बसों में छोटी खराबी होती है। उसे यहीं वर्कशॉप में दूर कर दिया जाता है। अगर यहां पर भी बसें ठीक नहीं हो पाती तो उन्हें सर्विस सेंटर पर भेजा जाता है। – सुरेंद्र कुमार, कार्यवाहक क्षेत्रीय प्रबंधक, मुरादाबाद जोन
मुरादाबाद जोन में बीएस-6 बसों की संख्या

डिपो बसों की संख्या

 

  • मुरादाबाद 25
  • पीतलनगरी 14
  • बिजनौर 28
  • रामपुर 16
  • नजीमाबाद 14
  • अमरोहा 13
  • चांदपुर 02

बीएस-6 बसों ये हैं सुविधाएं
बस में यात्रा के दौरान पीड़ित को आठ मिनट में पुलिस सहायता मिलेगी
बस में पैनिक बटन लगाया गया है।
बस में पीआईएस (पब्लिक इंफॉरमेशन सिस्टम) लगा है
महिला दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीट रिजर्व है
52 सीटों वाली बस की सभी सीटें बेहद आरामदायक हैं
इसमें यात्रियों के मनोरंजन के लिए म्यूजिक सिस्टम है
स्टॉपेज से एक से दो किलोमीटर पहले जानकारी दी जाएगी

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