उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने पर्यावरण प्रकृति संवर्धन के भारतीय चिंतन को महत्व दिया। सरकार पर्यावरण व प्रकृति संरक्ष्ण के प्रति सजग है। उत्तर प्रदेश में पौधरोपण का विश्व कीर्तिमान पहले ही स्थापित हो गया था। इस बार उससे भी आगे का लक्ष्य है। प्रदेश में तीस करोड़ पौधों का रोपण होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामवन गमन मार्ग को वन महोत्सव अभियान में शामिल करने का अभिनव कार्य करेंगे। इसके अंतर्गत इस मार्ग पर त्रेता युग कालीन वाटिकाओं की स्थापना होगी। भारत में आदि काल से प्रकृति संरक्षण का विचार रहा है। योगी आदित्यनाथ उससे प्रेरणा लेते है। वन विभाग द्वारा राम वन गमन मार्ग में पड़ने वाले जनपदों अयोध्या प्रयागराज चित्रकूट में रामायण में उल्लिखित अट्ठासी वृक्ष प्रजातियों में से प्रदेश की मृदा, पर्यावरण व जलवायु के अनुकूल तीस वृक्ष प्रजातियों का रोपण कराया जा रहा है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल के निर्देशन पर लखनऊ के राजभवन में नक्षत्र,राशि एवं नवगृह वाटिका की स्थापना की गई है।
इसमें कल्प वृक्ष पीपल, बरगद, नीम, आंवला, मौलश्री, जामुन, बेल, सीता, अशोक, शमी आम, कदम्ब, आक, अमरूद,गुलर,लालचंदन सहित अन्य पौधे है। इस क्रम में आनंदीबेन पटेल ने वन महोत्सव के अवसर पर आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में झाँसी के निकट सिमरधा डैम में सहभागिता करते हुए हरिशंकरी का पौधा रोपित कर वन महोत्सव का शुभारंभ किया।
उन्होंने ऐतिहासिक नगरी झांसी की पहूंज नदी पर स्थित सिमरधा डैम के पास वृक्षारोपण किया। राज्यपाल ने कहा कि वन महोत्सव प्रकृति के उपकारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। हमारी समृद्ध संस्कृति व परम्परा में पेड़-पौधों को विशिष्ट स्थान प्राप्त है। भारतीय संस्कृति में वृक्षों को अत्यन्त पूजनीय माना जाता है। पीपल वनस्पति जगत में सर्वश्रेष्ठ है। नीम, आंवला, बरगद आदि वृक्ष औषधीय गुणों का भण्डार होने के साथ-साथ मानव सेहत को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रदेश सरकार का इतना बड़ा लक्ष्य जन सहयोग से ही पूर्ण किया जा सकता है। उन्होंने प्रदेश को हरा-भरा बनाने एवं विकास पथ पर अग्रसर रखने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिए प्रदेश सरकार की तारीफ की। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि पौधा रोपण में ऐसी वृक्ष प्रजातियों का चयन किया जाना चाहिए जो विकसित होने पर अपनी सघन छाया,औषधीय गुणों और फल-फूलों से मानवता की सहायक साबित हों।