भारतीय धर्मशास्त्र और कर्मकांड के अनुसार पितर देव स्वरूप होते हैं. इस पक्ष में पितरों के निमित्त दान, तर्पण, श्राद्ध के रूप में श्रद्धापूर्वक जरूर करना चाहिए. पितरों का कर्ज चुकाना एक जीवन में तो संभव ही नहीं हो पाता लेकिन उनके द्वारा संसार त्याग कर चले जाने के बाद भी श्राद्ध करते रहने से उनका ऋण चुकाया जा सकता है. श्राद्ध से जो भी कुछ देने का हम संकल्प लेते हैं, वह सब कुछ उन पूर्वजों को अवश्य प्राप्त होता है.
पितृपक्ष चल रहे हैं और यह समय बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि इस काल में पूर्वज अपने परिजनों के यहां आते हैं और उनको आशीर्वाद देते हैं. शास्त्रों में भी पितृपक्ष को लेकर कई बातें बताई गई हैं. इन दिनों सुबह उठकर अगर कुछ खास काम किए जाएं तो न केवल पितर खुश होते हैं बल्कि माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. पितृपक्ष में सुबह उठकर इन कार्यों को करने से जीवन को नई दिशा मिलती है. आप पितृपक्ष से ही नियम बना लें कि हर रोज सुबह ये पांच काम जरूर करेंगे, जिससे न केवल दरिद्रता दूर होगी बल्कि कुंडली में मौजूद दोष भी खत्म होंगे. आइए जानते हैं उन बातों को जो सुबह सबसे पहले करने चाहिए.
पैसों की कभी नहीं होती कमी
सुबह सबसे पहले अपने घर के मुख्य द्वार को जल में हल्दी मिलाकर धोना चाहिए. कहते हैं ऐसा करने से घर में रहने वाले लोगों की उन्नति होती है और कभी धन की कमी नहीं होती है. साथ ही परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम भाव बना रहता है और धन का मार्ग प्रशस्त होता है.
मां लक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद
पितृपक्ष में सुबह उठकर पक्षियों के लिए बाजरे के दाने छत पर डालने चाहिए. मान्यता है कि ऐसा करने से न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है बल्कि घर-परिवार में शांति बनी रहती है. साथ ही पितरों को भी अच्छा लगता है और ईश्वर का भी आशीर्वाद मिलता है. पक्षियों को दाना डालने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है, जिससे आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है.
स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है दूर
केवल पितृ पक्ष में ही नहीं बल्कि अन्य दिनों में भी कटोरे मे जल भरकर उसमें रोटी के टुकड़े डालकर छत पर रख देना चाहिए. कहते हैं ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है.
दरिद्रता होती है दूर
पितृ पक्ष में हर रोज गाय और कुत्ते के लिए खाना जरूर निकालें. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं रहती और दरिद्रता भी दूर होती है. साथ ही कुंडली में मौजूद पितृ दोष भी खत्म हो जाते हैं.
पितरों की आत्मा को मिलती है शांति
हर रोज सूर्य देव को जल देना बहुत शुभ कार्य माना गया है. सूर्य देव को जल देने के बाद दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके पितरों का ध्यान करते हुए जल गिरा देना चाहिए. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, साथ ही उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.