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मणिपुर में जारी जातीय हिंसा, भाजपा नेताओं के घरों में तोड़फोड़ और हमला करने की कोशिश…

णिपुर में जारी जातीय हिंसा के दौरान कैबिनेट मंत्रियों समेत कई राजनेताओं पर हमले हुए हैं। अज्ञात संख्या में लोगों ने भाजपा नेताओं के घरों में तोड़फोड़ या हमला करने की कोशिश की है।

केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर को भीड़ ने आग लगा दी। इस दौरान दूसरे भाजपा नेताओं के घरों को भी भीड़ की ओर से आग लगाने का प्रयास किया। इसी तरह, कुछ लोगों के गुट ने भाजपा कार्यालय की चौकी को घेर लिया, मगर सेना के जवानों की ओर से भीड़ को तितर-बितर करने से कोई नुकसान नहीं हुआ।

जातीय हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की राजधानी इंफाल में शुक्रवार को दंगाई भीड़ ने त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के साथ झड़प की, रास्तों पर आग जलाकर उन्हें अवरूद्ध किया और संपत्तियों में आगजनी की। अन्य संपत्तियों के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के मकान पर हमला कर तोड़फोड़ की गई और उसे जलाने का प्रयास किया गया। सुरक्षा बलों और दमकल कर्मियों ने भीड़ की आग लगाने की कोशिश गुरुवार रात नाकाम कर दी और मंत्री के मकान को जलने से बचा लिया।

पश्चिम इंफाल जिले के लाम्फेल इलाके में मणिपुर की महिला मंत्री नेमचा किपगेन के आधिकारिक आवास में बुधवार रात अज्ञात लोगों ने आग लगा दी। हालांकि, घटना के वक्त आवास के अंदर कोई नहीं था।

एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। दमकलकर्मियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर आग पर काबू पा लिया। किपगेन कुकी समुदाय की नेता हैं। आग लगने की जिम्मेदारी अभी किसी समूह ने नहीं ली है। वह उन 10 कुकी सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने हिंसा के बीच कुकी-जोमी-चिन-हमार समुदायों के लिए एक अलग प्रशासन की मांग की थी।

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह ने कहा, ‘मैं 3 मई (जब राज्य में जातीय संघर्ष शुरू हुआ था) से शांति स्थापित करने और हिंसा रोकने की कोशिश कर रहा हूं। यह दो समुदायों के बीच गलतफहमी का मामला है। सरकार ने शांति समिति का गठन किया है, प्रक्रिया जारी है। नागरिक संस्थाओं के लोग साथ बैठ रहे हैं।’

पार्टी के एक समारोह के लिए कोच्चि गए केंद्रीय मंत्री ने केरल में अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया ताकि वह घर लौट सकें। उन्होंने कहा, ‘यह (मकान) मेरी गाढ़ी कमाई का है। मैं भ्रष्ट नहीं हूं। इस सरकार में कोई भ्रष्ट नहीं है। अगर यह धर्म का मामला है, तो मैं एक हिंदू हूं। हमलावर हिंदू हैं, तो यह धर्म का भी मामला नहीं है। यह बस एक भीड़ है। सरकार सभी समुदायों से बात करेगी और रास्ता निकालेगी।’

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