बादल September 6, 2021 बादल आंखों में घिरे हैं बादल सावन जैसे बरसे हैं। हरियाली उनके हिस्से में हम तो केवल तरसे है।। एक तरफ दलदल है कितना एक तरफ चट्टाने है। किसको मन की व्यथा बताएं ये सब तो बेगाने है।। मनमानी बह रही हवाएं कदम बढ़ाने पड़ते है हम तो केवल तरसे है।। डॉ. दिलीप अग्निहोत्री baadal Cloud बादल 2021-09-06 +Samar Saleel