नई दिल्ली: कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र पर निशाना साधा। उन्होंने शुक्रवार को जीएसटी के नए आंकड़ों को निराशाजनक बताया। साथ ही सरकार से पॉपकॉर्न पर टैक्स लगाने के बजाय अर्थव्यवस्था की जटिलताओं पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।
‘देश खतरनाक चक्र में फंसा’
कांग्रेस के संचार मामलों के महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पत्र साझा किया। उन्होंने जीएसटी के नए आंकड़ों पर इसमें कहा, ‘भारत कम खपत, कम निवेश, कम विकास, कम मजदूरी के खतरनाक चक्र में फंसा हुआ है। ग्रोथ में गिरावट से लेकर खराब जीएसटी राजस्व संग्रह तक की आर्थिक मोर्चे पर निराशाजनक खबरें, सरकार से यह अपेक्षाए करती हैं कि सरकारी तंत्र अपना ध्यान पॉपकॉर्न पर टैक्स लगाने से हटाकर अर्थव्यवस्था की जटिलताओं से निपटने पर केंद्रित करे।’
जीएसटी संग्रह साढ़े तीन साल में दूसरी बार सबसे धीमी गति से बढ़ा
उन्होंने कहा, ‘पिछले साल दिसंबर के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले महीने जीएसटी संग्रह साढ़े तीन साल में दूसरी बार सबसे धीमी गति से बढ़ा है। रिफंड के समायोजन के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह घटकर 3.3 प्रतिशत रह गया है, जो वित्त वर्ष 2025 में सबसे कम है। यह कई मोर्चों को लेकर गंभीर खबर है। सबसे पहले, मौजूदा वित्तीय वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में सरकार ने जीएसटी संग्रह में 8.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। जबकि बजट अनुमान में 11 प्रतिशत की वृद्धि की बात थी।’
उन्होंने आगे कहा कि राजस्व संग्रह में यह गिरावट सरकार के लिए मनरेगा जैसे सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों में और कटौती करने की वजह नहीं हो सकती है, वो भी ऐसे समय में जब ग्रामीण मजदूरी स्थिर रही है और खपत में कमी आई है। इसके बजाय सरकारी व्यय को अर्थव्यवस्था के लिए प्रोत्साहन के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
धोखाधड़ी से भरे होने की आशंका
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि दूसरा, पिछले महीने के शुद्ध संग्रह में इस नरमी के एक हिस्से के रूप में करदाताओं को रिफंड में 45.3 प्रतिशत की वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। कुछ हद तक यह सही भी है, लेकिन इन रिफंड्स का एक महत्वपूर्ण भाग धोखाधड़ी से भरे होने की आशंका है। जीएसटी प्रणाली की जटिलता के कारण – विशेष रूप से खामियों से भरे सॉफ्टवेयर सिस्टम के साथ मिल जाने पर – बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की गुंजाइश होती है।