लखनऊ. केंद्र सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर जहाँ पूरे देश मे सरकार की उपलब्धियो से जनता को रूबरू किया जा रहा है,वही उत्तर प्रदेश में योगी सरकार को फेल करने में असमाजिक तत्वों द्वारा सरकार को बदनाम करने के लिये सोची समझी रणनीति अपनाई जा रही है।
प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि प्रदेश वही,वातावरण वही, अधिकारी वही,जाति-धर्म वही और जनता जनार्दन भी वही है तो प्रदेश में दंगा,अपराध,बलवा,हत्या,लूट और बलात्कार की घटनाओ में एकाएक यूपी प्रगति का कारण कैसे बन गयी है! “सबका साथ,सबका विकास” की तर्ज पर कार्य करने वाली योगी सरकार को बदनाम और विफल करने के कार्य मे किन लोगों की संलिप्तता है,गहन अध्यन की आवश्यकता होगी .??
एक प्रश्न यह उठना स्वाभाविक है कि कही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विफल करने की कोई अंदरूनी साजिश तो नही रची जा रही है,क्योंकि जितने कम समय मे योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में सर्वसमाज पर अपनी मज़बूत पकड़ बना लिया वह किसी योग्य,अनुभवी औऱ कुशल राजनीतिक में वर्षो की तपस्या के बाद देखने को मिलता है। शायद इन्ही कारणों के चलते उनके विरोधियों को योगी की विकास योजना और सफलता पच नही रही है। वहीं अधिकारीगण का ज़मीनी स्तर पर जनता की समस्यों पर विशेष ध्यान न देना,आकड़ो की बाजीगरी करना,अपराध पर हीलाहवाली करना,एसी रूम से बाहर न निकलना, जनता से सीधा संवाद न करना,अपराध औऱ असमाजिक तत्वों को ढील देना ही योगी आदित्यनाथ को विफ़ल करने के सफ़ल प्रयास माने जा सकते हैं।
बहुत ही कम समय मे जिस तरह से सीएम योगी ने अल्पसंख्यक वर्ग के बीच में अपनी मज़बूत पकड़ बना ली है उसे देखकर लोगो का घबरा जाना स्वाभाविक है। इसी के चलते सरकार में दख़ल रखने वालों में जाति धर्म औऱ अल्पसंख्यक वर्ग में भय का वातावरण बुनने के कार्यों में सलिप्ता देखने को मिल रही है।
योगी आदित्यनाथ अकेले वह सारा कार्य कर रहे है,जो पूरी सरकार के मंत्री मण्डल औऱ अधिकारियों को मिलकर करना चाहिए।
सरकार के गठन के साथ जिस तरह से मंत्रियों ने युद्ध स्तर पर कार्य किए वह केवल सम्मान समारोह औऱ उनके गृह जनपद औऱ सीमावर्ती ज़िलो के विकास कार्य तक ही सीमित होते नजर आ रहे हैं।
वहीं स्थानांतरण की बाढ़ के बीच अधिकारीगण सिर्फ अपना बोरिया बिस्तर खोलने ओर लपेटने में लगे हुए है। जो पदस्थ हैं भी वो महज अपने कार्यों में केवल इतिश्री करने में लगे हुए है।
इन सबके बीच जनता में यही सवांद स्थपित हो रहा हैं कि शायद!! मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विफ़ल करने की साज़िश का तानाबाना बुना जा रहा हैं। अगर ऐसा है तो यह प्रदेश की जनता और सरकार के हित में कहीं से भी उचित नही माना जा सकता है!!!!
रिपोर्ट:चाँद फरीदी