लखनऊ। प्रदेश को दबंगई गुंडागर्दी से मुक्त करने का दावा करने वाले योगी सरकार के दावे की धज्जियां एक दबंग द्वारा उड़ाने की खबर आ रही है। वह भी राजधानी से जहां सूबे के मुखिया पुलिस प्रमुख के साथ सभी आला अफसरान बैठते हैं। मड़ियांव जानकीपुरम के रहने वाले जीवन पुत्र स्व लक्ष्मण ने मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में आरोप लगाते हुए कहा है कि वर्ष 2010 में उन्होंने उदयराज चौहान वगेरह से 22 विस्वा जमीन बैनामा कराया था, जिसके वह मालिक काबिज हैं।
वर्ष 2017 में वह उस जमीन पर डेवलपमेंट करने के उद्देश्य से हनुमान प्रसाद मिश्रा पुत्र स्व दिनेश कुमार मिश्रा निवासी राजेंद्र नगर लखनऊ से सौ रुपये के स्टाम्प पर बिना किसी बयाना धनराशि के एक अनरजिस्टर्ड एग्रीमेंट किया था। जिसकी वैधता अवधि 6 माह थी।
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शर्तों के अनुसार एग्रीमेंट की अवधि के अंदर हनुमान प्रसाद ने उस पर कोई कार्य नहीं किया। ततपश्चात जीवन ने 2018 में उस जमीन का दाखिल खारिज कराके धारा 80 करा लिया औऱ उक्त भूमि का स्वयं डेवलपमेंट करने लगा। मगर हनुमान प्रसाद मिश्रा की नियत में खोट आ गयी और वह अपनी दबंगई के बल जीवन को धमकाने और फर्जी मुकदमे में फंसाने के साथ जाती सूचक गाली देने लगा।
हद तो तब हो गयी जब 22-11-2022 को हनुमान मिश्रा ने दबंगई की सारी हदों को पार करते हुये पचासों लोगों के साथ उस जमीन पर पहुँचा और जमीन को कब्जा करने के उद्देश्य से अपने दबंगई के बल पर बाउंड्री बनाने के प्रयास के साथ गेट पर अपना ताला लगा दिया। हनुमान मिश्रा के दबंगई और अवैध कब्जे के प्रयास पर जीवन ने स्थानीय सरोजिनी नगर पुलिस से गुहार लगाया, मगर बजाय दबंगों पर कार्यवाही के पुलिस उनको गुमराह करती रही।
जीवन का कहना है कि स्थानीय पुलिस मामले में पीड़ित की बजाय आरोपी की मददगार बनी हुई है। जब यह हाल राजधानी का है तो बाकी जिलों का क्या हाल होगा यह यक्ष प्रश्न है। अब देखना यह होगा कि मामले में मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पर जीवन को न्याय मिलता है या दबंगो की दबंगई बरकरार रहती है!