लखनऊ। डिजिटल मानव अधिकार से संबंधित अनेक समस्याएं हमारे लिए चुनौतियां हैं। उक्त विचार फखरुद्दीन अली अहमद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय महमूदाबाद में डॉ अमनदीप सिंह फैकल्टी डॉ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय लखनऊ द्वारा एक दिवसीय सेमिनार में व्यक्त किए गए।
उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि इंटरनेट की नियत स्पीड उपभोक्ता को ना मिल पाना, अनावश्यक सर्विलेंस, उपभोक्ता की निजी जीवन संबंधी जानकारियों की गोपनीयता भंग होने का खतरा होना, इंटरनेट सरसुलभता में लैंगिक असमानता होना, दिव्यांगजनों को वेबसाइट पर एक्सेस करने में होने वाला भेदभाव आज के युग की नई चुनौतियां हैं।
डॉ विकास भाटी, फैकल्टी डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ ने भी अपने संबोधन में इन बिंदुओं पर चर्चा की और कहा कि विधिक साक्षरता से व विधियों में जरूरी संशोधन कर इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ सीमा सिंह ने सेमिनार के अतिथि वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस एकदिवसीय सेमिनार में सम्मिलित प्रवक्तागण और छात्र एवं छात्राओं को, वक्ताओं के व्याख्यान से मिली जानकारियों से वे डिजिटल मानवाधिकार के प्रति सजग एवं संवेदनशील बनेंगे।
डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ, फखरुद्दीन अली अहमद राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय महमूदाबाद एवं उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग के संयुक्त तत्वाधान में इस सेमिनार का संचालन डॉक्टर मुंतजिर कायम ने किया। कार्यक्रम समन्वयक डॉ रवीश कुमार सिंह रहे।
इस अवसर पर महाविद्यालय की अमृत महोत्सव प्रभारी डॉ प्रार्थना सिंह, डॉ शशिकांत, डॉ विशाल शर्मा, राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी व कार्यक्रम अधिकारी रविंद्र प्रताप सिंह व डॉ जेबा खान तथा महाविद्यालय के प्राध्यापकगण एवं भारी संख्या में छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।