बछरावां/रायबरेली। विकास खंड की तिलेडा ग्राम सभा में तैनात जल निगम के कर्मचारी की लापरवाही के चलते ग्राम सभा के लगभग आधा दर्जन किसानों के खेत जलमग्न हो गए। खेतों में खड़ी धान की फसल काटने के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं वह उसी में पड़ी हुई फसल सड़ रही है। विभागीय अधिकारी सुनने के लिए तैयार नहीं है। किसान अपनी बेबसी पर आंसू बहा रहे है।
गांव के किसान कृष्ण पाल, दयाशंकर, उमाशंकर, अमरेश, रामपाल, सलीम, अयोध्या प्रसाद आदि ने बताया कि यहां तैनात जल निगम के कर्मचारी कभी भी टंकी पर नहीं आते है क्योंकि टंकी का कंट्रोलिंग केंद्र चौराहे पर बना हुआ है वहीं बैठ कर के वह पानी चला देते है जबकि टंकी पर आवास बना हुआ है परंतु किसी के ना रहने के कारण वह बदहाल हालत में पहुंच गया है। कमरों के अंदर सीलन के साथ-साथ गंदगी का साम्राज्य है पल्ले दरवाजे उखड़ गए हैं प्लास्टर गायब हो चुका है। टंकी परिसर के अंदर पूरी तरह जंगल बन गया है कोई भी देखने वाला नहीं है और गायब हो जाते है।
इन किसानों ने बताया की दीपावली के दिन कर्मचारी द्वारा पानी चला दिया गया और वह खुद गायब हो गए पूरी रात तेजी के साथ पानी चलता रहा नतीजा यह हुआ की जगह जगह पाइप लाइन फट गई और पानी टंकी परिसर खेतों व तालाबों तथा रास्तों पर पानी भर गया पानी के कारण धान की फसल काटना मुश्किल हो गया। ग्राम प्रधान बृजलाल ने बताया की इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों से लेकर उच्च अधिकारियों तक दी गई परंतु कोई सुनने वाला नहीं है ऊपर से अधिकारियों का कहना है की यह तो होता ही रहता है।
ग्राम प्रधान ने बताया की कर्मचारी की इस हरकत के कारण पहले भी पाइप लाइनें फट चुकी है जिसको उन्होंने किसी तरह बनवाया पानी का बिल विभाग के कर्मचारी वसूल ले जाते हैं और इन खराबियों को बनवाने के लिए ग्राम सभा के अंदर कोई निधि नहीं है। किसानों का कहना है कि एक तो इस बार धान की कोई कीमत नहीं मिल रही है ओने पौने दामों में किसान अपनी फसल बेचने को मजबूर हो रहा है ऊपर से अधिकारियों व कर्मचारियों की यह लापरवाही उनके लिए जीवन मरण का प्रश्न बन गई है।
पानी भर जाने के कारण गेहूं की बुवाई संभव नहीं हो पाएगी किसानों का यह भी आरोप है कि यहां तैनात कर्मचारी की रिश्तेदारी बगल के गांव में है। अक्सर वह पानी चला कर अपनी रिश्तेदारी में चला जाता है। और सारी सारी रात पानी चलता रहता है। आक्रोशित किसानों द्वारा चेतावनी दी गई है कि यदि शीघ्र ही इस समस्या का निराकरण न किया गया तो वह लोग जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना देने के लिए मजबूर होंगे। किसानों की यह भी मांग है की पानी भर जाने के कारण जिन खेतों की कटाई संभव नहीं हो पा रही है। उसका मुआवजा विभाग के द्वारा दिया जाए और यहां तैनात लापरवाह कर्मचारी का तत्काल स्थानांतरण किया जाए।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा