सेक्शुअल इंटरकोर्स में इमोशनल बॉन्ड के साथ ही फिजिकल बॉन्ड भी होता है. फिजिकल बांड यानि सेक्स कपल्स के बीच खास होता है जो उन्हें जोड़े रखता है. शुरुआती स्टेज के बाद फीमेल बॉडी इसके अनुसार ढलने लग जाती है, लेकिन कई बार सेक्स के दौरान इतना दर्द होता है कि उनके लिए यह प्लेजर नहीं बल्कि मुश्किल का कारण बन जाता है. अक्सर ये पहलीबार करने पर होते है. सेक्शुअल एक्सपीरियंस को अगर पेन फ्री बनाना है तो इसके लिए कुछ टिप्स काम आ सकते हैं. यहां जानें टिप्स जिससे आपको भी नहीं होगा दर्द.
लूब्रिकेंट
लूब्रिकेंट का इस्तेमाल करने से शर्माए नहीं. आपकी शर्म वजाइना के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है. लूब्रिकेंट का इस्तेमाल करने पर पेनिट्रेशन के दौरान वजाइना को रिलैक्स होने का मौका मिलता है जिससे पेन प्लेजरेबल बन जाता है. इसके लिए चाहे तो मार्केट से खास जेल या लूब्रिकेंट लिया जा सकता है या फिर ऑइल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
कंफर्ट
आप अगर अनकंफर्टेबल हैं तो आपका पार्टनर भले ही कितना ही टर्न ऑन न हो लेकिन आप चाह कर भी एक्साइटमेंट फील नहीं कर पाएंगी, जिससे आपकी बॉडी भी इंटरकोर्स के लिए तैयार नहीं हो पाएगी, जो पेनिट्रेशन के दौरान ज्यादा दर्द का कारण बन जाएगा. बेहतर होगा कि आप जब कंफर्ट में हों तभी सेक्शुअल ऐक्टिविटी में इन्वाल्व हों.
रूम का तापमान
कंफर्ट और बॉडी एक्साइटमेंट का रिश्ता रूम के टेंपरेचर से भी जुड़ा है. दरअसल, ज्यादा ठंडे या गरम कमरे में कंफर्ट महसूस करना मुश्किल है. अगर बॉडी कंफर्टेबल नहीं होगी तो उसे सेक्स के दौरान वजाइना को लूब्रिकेट करने में दिक्कत होगी, इससे एक्सपीरियंस दर्दभरा बन जाएगा. तो सेक्स से पहले बॉडी टेंपरेचर के मुताबिक रूम टेंपरेचर जरूर कर लें.
फोरप्ले
फोरप्ले से वजाइन का लूब्रिकेट होने में मदद मिलती है. इसके लिए आप चाहे तो खुद मास्टरबेट कर सकती हैं या फिर पार्टनर को ऐसा करने के लिए कह सकती हैं. साथ ही में नेक किसिंग, वेस्ट किसिंग जैसी चीजें भी एक्साइटमेंट बढ़ाने में मदद करेंगी.