विद्यार्थियों के लिए परीक्षा और नेताओं के लिए चुनाव का समय लगभग एक जैसा होता है। मन में अनेक प्रकार की आशंकाए उपजती है। तैयारियों पर चिंतन होता है। किसी का मनोबल उच्च स्तर पर रहता है। किसी में आत्मविश्वास की कमी रहती है। दोनों के लिए कर्तव्यों का अपना महत्व है। इस पर उनका अधिकार होता है। यह बात अलग है कि किसकी मेहनत कितनी रही। विगत कुछ वर्षों में पराजय के बाद ईवीएम पर ठीकरा फोड़ने का चलन भी बढा है। मतलब जीत गए तो उनकी मेहनत व कर्तव्य का निर्वाह,पराजित हुए तो ईवीएम जिम्मेदार। किंतु प्रारंभिक हंगामे के बाद ईवीएम को कोसने की राजनीति आगे नहीं बढ़ सकी। ऐसे में जनादेश को सहज भाव में स्वीकार करने के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं था। यह संयोग था कि चुनाव की घोषणा के कुछ घण्टे पहले योगी आदित्यनाथ एक कॉन्क्लेव में संवाद कर रहे थे। इसका आयोजन दूरदर्शन ने लखनऊ में किया था। दोपहर बारह बजे योगी आदित्यनाथ यहां पहुंचे थे। इस समय तक यह तय हो गया था कि शाम को चुनाव आयोग की नई दिल्ली में पत्रकार वार्ता होगी।
इसमें उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होगी। कॉन्क्लेव में योगी आदित्यनाथ से इसी संदर्भ में प्रश्न किया गया। एंकर ने पूंछा कि परीक्षा में शामिल होने से पहले विद्यार्थी व चुनाव में उतरने से पहले नेताओं में एक जैसी धुकधुकी होती है। मुख्यमंत्री से पूंछा गया कि उन्हें कैसा लग रहा है। योगी आदित्यनाथ ने उत्तर में विद्यार्थियों व नेताओं दोनों पर लागू विचार का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि वर्ष भर में जो विद्यार्थी मेहनत नहीं करता है, कक्षा में नही जाता है, उसकी समझ में चीजें स्पष्ट नहीं होती है।उसे ज्यादा घबराहट होती है। लेकिन जिसने नियमित रूप से अपनी कक्षाएं की हो,जिसने अपना कार्य समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया हो,जिसने हर एक क्षेत्र में अच्छा करने का प्रयास किया हो,उसमें उपलब्ध्यिों पर आधारित उत्साह होता है।
इस कथन में योगी का उत्साह झलक रहा था। उन्होंने कहा कि मैं उन विद्यार्थियों में से हूं जिसने पूरी तन्यमयता के साथ पार्टी के विजन को पार्टी के लोक कल्याण संकल्प पत्र को जमीनी धरातल पर उतारने का काम किया है। यह मानना पड़ेगा कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही योगी आदित्यनाथ मिशन मोड में आ गए थे।
वह लगतार मेहनत करते रहे। पूरे प्रदेश की यात्रा करते रहे। योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही उनका जायजा लेते रहे। जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विषय में कहा जाता है कि ध्येय पथ पर अनवरत चलते रहते है। ना अवकाश लेते है। ना विश्राम करते है। मतलब रात्रि में तीन चार घण्टे की नींद के अलावा वह आराम नहीं करते। योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या भी बिल्कुल ऐसी है। यहां तक कि कोरोना संक्रमित होने के बाद भी उन्होंने विश्राम नहीं किये। अपने आवास से लगातार अधिकारियों के साथ मीटिंग करते रहे। उनको दिशा निर्देश देते रहे। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के तत्काल बाद वह जनपदों को यात्रा पर निकल गए। लगभग सभी जनपदों में पहुंच कर उन्होंने कोरोना आपदा प्रबंधन का जायजा लिया था।
वस्तुतः उन्होंने कर्तव्य निर्वाह में एक पल भी व्यर्थ नहीं गंवाया। वह कहते है कि विपक्ष के लिए यह धुकधुकी का समय है। विपक्षी नेता समय रहते तैयारियों के प्रति गंभीर नहीं रहे। भाजपा को चुनावी परीक्षा से कोई घबराहट नहीं है। बल्कि हमारे लिए यह प्रजतन्त्र का उत्सव है। हम लोग उत्सव के रूप उसका आनंद भी लेंगे। योगी आदित्यनाथ को अपनी सरकार के कार्यों पर विश्वास है। इस आधार पर वह पुनः जनादेश मिलने के प्रति आश्वस्त है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को भाजपा का संबल मानते है। संगठन के स्तर पर भाजपा सर्वाधिक सक्रिय है। कोरोना आपदा के दौरान भी भाजपा संगठन ने आमजन के बीच अपनी सक्रियता को बनाये रखा था। इन सबका लाभ पार्टी को चुनाव में मिलेगा। भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से कार्य कर रही है। योगी कहते है कि पहले दिन से तय कर लिया था कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास के मंत्र को अंगीकार करते हुए कार्य करेगी। विकास योजनाओं का लाभ सबको बिना भेद भाव के दिया गया हैं।
विकास सबका किया है। लेकिन तुष्टीकरण किसी का नही किया। योगी आदित्यनाथ इसको भाजपा की विचारधारा मानते है। उनका कहना कि इसे कोई हमारी कमजोरी मानता है तो यह कमजोरी हमेशा हमारे साथ रहेगी। क्योंकि राष्ट्रवाद हम सबका संस्कार है। अपने इस राष्ट्रवाद के मुद्दे से हमलोग कभी भी विचलित नहीं होंगे। भारत और हिन्दू विरोधी तत्व नरेंद्र मोदी और योगी को कैसे स्वीकार कर सकता है। ऐसे तत्वों परवाह करने की आवश्यकता नहीं है। राष्ट्रवाद,सुशासन और विकास भाजपा का चुनावी मुद्दा है। कानून का राज सर्वोच्च प्राथमिकता हैं।
वर्तमान सरकार ने व्यवस्था को बदला है। पहले केवल सरकारें बदलती थी। व्यवस्था में बदलाव नहीं होता था। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में एक भी दंगा नहीं हुआ। एक भी आतंकी घटनाय नहीं हुई। सभी पर्व और त्योहार शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न कराया गया। यह सब व्यवस्था में सुधार के सकारात्मक परिणाम है। सरकार की प्रतिबद्धता प्रदेश की पच्चीस करोड़ जनता है। बिना भेदभाव के उनके लिए कानून का शासन स्थापित किया गया है। यह चुनाव अस्सी बनाम बीस प्रतिशत के बीच है।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने भी इस संदर्भ को उठाया। कहा कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव प्रक्रिया में संशोधन करना उचित है। चुनाव आयोग इस संबन्ध में संवाद किया जाता हैं। बदलाव पर किया जा सकता है। आधार को वोटरकार्ड से जोड़ने पर भी विपक्ष ने खूब भरमाने की कोशिश की। विपक्ष के लोग कह रहे हैं कि आधार कार्ड से जोड़ने पर यह यह पता चल जाएगा कि वह किस पार्टी को वोट देंगे।यह केवल भ्रम फैलाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि देश में दस राज्य में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं। उन्हें अल्पसंख्यक क्यों नहीं माना जा रहा है। यह मामला कोर्ट में पहुंचा और कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। यह सच्चाई है। लेकिन भाजपा सरकारें देश व प्रदेशों में सबका साथ सबका विकास की भावना से कार्य करती है। भाजपा सरकार में सबको एक दृष्टि से देखा जाता हैं। सबको साथ लेकर चलने का प्रयास किया जाता है। सरकार वृहद स्तर पर काम कर रही है। इससे समाज का कोई भी वर्ग विकास की दौड़ में पिछड़ेगा नहीं। प्रदेश सरकार के मंत्री मोहसिन रजा विपक्ष पर साम्प्रदायिक होने का आरोप लगाते है। वह कहते है कि अब राजनीति के केंद्र में किसान,युवा,महिला सुरक्षा,विकास,सड़क और बिजली है।
भाजपा सरकार की किसी भी योजना में भेद नहीं किया गया। सबका साथ सबका विकास के आधार पर काम किया है। जनता यह सब समझ रही है। मोहसिन रजा ने कहा कि विपक्ष के लोगों ने मुसलमानों को केवल खजूर की गुठली दी। एक्सीडेंटल हिन्दू ने मुसलमानों को डराया। सच्चे हिन्दू ने मुसलमानों के साथ न्याय किया। केंद्र में मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी ने मुसलमानों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ा।
उत्तर प्रदेश में छियालीस लाख आवास दिए गए हैं। उसमें से बारह से तेरह लाख मुसलमानों को लाभ मिला है। पिछली सरकार तुष्टीकरण करती थी। भाजपा सरकार सबको साथ लेकर चल रही हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने मुस्लिम बहनों को तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्त कराया। भाजपा सरकार ने मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया। ओडीओपी योजना का बड़ा लाभ मुस्लिम समाज के लोगों को हुआ है। सरकार ने जाति धर्म को नहीं देखा है।
पात्रता के आधार पर ईमानदारी से योजनाएं लागू कर रहे हैं। सभी योजनाओं में मुसलमानों को लाभ मिला है। बड़ी संख्या में मुसलमान इस सच्चाई को स्वीकार करने लगे है। मोहसिन रजा ने दावा किया कि पिछले लोकसभा चुनाव में मुस्लिम समाज का आठ प्रतिशत वोट भाजपा को मिला था। ईद विधानसभा चुनाव में भाजपा को मुसलमानों का बीस प्रतिशत वोट मिलेगा।
वर्तमान सरकार धार्मिक क्षेत्र का विकास करती है। श्रद्धालुओं के लिए रास्ता बनाते हैं। अयोध्या काशी का विकास हो रहा है तो उससे सभी वर्ग के लोगों को लाभ होगा। साठ वर्षों तक कांग्रेस ने शासन किया। उन्होंने शौचालय बनाना भी मुनासिब नहीं समझा। नरेंद्र मोदी ने इसकी चिंता की। दंगा व आतंकी घटनाओं को रोका गया। देवबंद में एटीएस की स्थापना की गई है। मोहसिन ने कहा पच्चीस करोड़ आबादी का समुदाय अल्पसंख्यक नहीं हो सकता।
रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री