कोरोना आपदा प्रबंध के लिए योगी आदित्यनाथ की पहले भी अनेक स्तरों पर सराहना हो चुकी है। तब कहा गया कि उत्तर प्रदेश जितनी आबादी वाले अधिकांश देशों में कोरोना संकट बहुत व्यापक हो गया था। लेकिन योगी आदित्यनाथ इसको नियंत्रित रखने में बड़ी हद तक सफल रहे। इस बार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वयं इसका संज्ञान लिया।
WHO ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना संक्रमण प्रसार रोकने की दिशा में बेहतरीन कार्य किया है। अन्य सरकारों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना पीड़ित मरीजों के सम्पर्क में आए तिरानबे प्रतिशत लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कर कोरोना की रफ्तार पर लगाम कसी है।
कोविड-19 बचाव के लिए यूपी सरकार ने बेहतरीन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की रणनीति अपनाई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शुरुआत से ही ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी परियोजना ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की चिकित्सा अधिकारियों की प्रशिक्षित टीम ने कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, टेलीफोनिक साक्षात्कार, सर्वे और कोरोना संक्रामित मरीज के परिवार की जांच कराने के साथ उनसे लगातार सम्पर्क बनाए रखा। कोरोना संक्रमण के विश्लेषण के लिए राज्य कार्यालय में दैनिक डेटा एकत्र किया गया। सरकार के साथ संक्रमण की रफ्तार को लेकर नियमित समीक्षा की गई और डेटा को साझा किया गया।
यही कारण था कि कोरोना पर योगी आदित्यनाथ के कार्य आपदा प्रबंधन का विशेष मॉडल बन गया। योगी प्रदेश के सभी जिला प्रशासन ही नहीं प्रधानों और सभासदों से अपडेट ले रहे थे। उनको प्रबंधन के निर्देश दे रहे थे। प्रारंभ में ही आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम बनाया गया। सबसे ज्यादा सहायता यूपी की मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से किया गया।
योगी ने कोरोना के मुकाबले व लॉक डाउन में गरीबों की सहायता पर सर्वाधिक ध्यान दिया। इसके लिए पहले ही व्यापक कार्य योजना बनाई गई। मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में ग्यारह कमेटियां गठित की गई। यह कमेटियां कोरोना पर नियंत्रण एवं लाॅकडाउन लागू करने व इस दौरान आमजन को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निरन्तर कार्य करती रही।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अन्तर्गत गरीबों के लिए घोषित विभिन्न सुविधाओं को लाभार्थियों तक पहुंचाया गया। प्रदेश सरकार ने दूसरे प्रदेश में रहने वाले और वहां से यहां पहुंचने वाले यूपी ने लोगों पर भी ध्यान दिया। करीब चालीस लाख श्रमिकों को सुरक्षित घर पहुंचाया गया। योगी ने स्वयं देखा कि दूसरे प्रदेश से आने वालों को पैदल न चलना पड़े। इसके लिए पर्याप्त बसों व भोजन की व्यवस्था की गई।मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से प्रत्येक गांव में बाहर से आए लोगों को चिन्ह्ति कर क्वाॅरण्टीन गया।
यूपी कोविड केयर फण्ड के माध्यम से राज्य में मेडिकल काॅलेजों तथा जिला अस्पतालों का क्षमता विस्तार किया गया। अधिक से अधिक संख्या में टेस्टिंग लैब स्थापित किए गए। जिससे जनपद स्तर पर टेस्टिंग सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। पीपीई किट, वेण्टीलेटर्स, ट्रिपल टियर मास्क, टेलीमेडिसिन सुविधाएं आदि उपलब्ध कराने के लिए भी कार्य योजना बनायी गई। अन्त्योदय कार्डधारकों मनरेगा श्रमिकों, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों तथा नगर विकास विभाग के अन्तर्गत दिहाड़ी मजदूरों को निःशुल्क राशन वितरित किया जा रहा है।
राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। जिनके पास राशन कार्ड नहीं है अथवा कोई साधन भी नहीं है,उन्हें राशन कार्ड उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार ठेला खोमचा पल्लेदार,रिक्शा,ईरिक्शा आदि चलाने वाले दिहाड़ी मजदूरों के बैंक खातों में सहायता राशि भेजी गई। सोशल डिस्टेंसिंग के पालन हेतु जागरूकता अभियान चलाया गया। राज्य सरकार ने प्रत्येक जनपद में लेवल वन लेवल टू व लेवल थ्री के अस्पताल, टेस्टिंग लैब, आइसोलेशन व क्वाॅरण्टीन वाॅर्ड उपलब्ध कराने का कार्य किया।
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री