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लीक से हटकर नई परंपरा शुरू करने वाले यूपी विधानसभा अध्यक्ष के व्यवहार से सब प्रभावित

लखनऊ। मेरा प्रयास होगा विधानसभा की गरिमा बनी रहे। जनता अगर हमे सदन भेज रही है उस सम्मान को बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है, ये कहना है यूपी विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना का। आज उन्होंने यहां विधानसभा में वरिष्ठ सदस्यों को सम्मानित करते हुए एक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें 05 बार या उससे अधिक चुनाव जीत कर आये वरिष्ठ सदस्यों से विधानसभा की गरिमा को और बढ़ाये जाने पर विचार विमर्श किया।

विधानसभा में हो रही अच्छी परम्परा कि शुरुआत।

इस विशेष मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा राजनीतिक विचारधारा अलग हो सकती है पर वरिष्ठों का सम्मान बना रहना चाहिए। मेरा प्रयास होगा कि सभी सदस्यों से सीधा संवाद हो, जिससे विधानसभा को और अच्छा किया जाय सके। इसलिए इस तरह का संवाद कार्यक्रम शुरू किया है। हम चाहते हैं कि समाज में जनप्रतिनिधियों के प्रति सकारात्मक भाव पैदा हो क्योंकि इस विधानसभा में हर तरह की मेधा के लोग है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम चाहते हैं कि विधायकों की गरिमा और बढ़े, हमारे सदस्यों को राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में अवसर मिले जिससे उत्तर प्रदेश की पहचान बने।
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने श्री महाना को हार्दिक बधाई देत हुए कहा कि आपने कई नई परम्पराएं डाली हैं। एक भी दिन विधानसभा स्थगित नहीं हुई और कोई भी सदस्य वेल में नही आया। इसके साथ ही सत्र के दौरान सदस्यों के जन्मदिन के मनाने की भी नई परम्परा की शुरूआत की। श्री खन्ना ने कहा कि ग्रुप बनाकर विधायको के साथ शुरू किया गया संवाद का कार्यक्रम एक बहुत ही सुखद संकेत है।

राजनीतिक व्यक्ति की छवि का समाज पर बहुत असर पड़ता है। हम सभी वरिष्ठों को नए सदस्यों को रास्ता दिखाना है। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विधायिका के प्रति हमे जनता की सोच को बदलना है। विधानसभा सबसे बड़ा चर्चा व परिचर्चा तथा विचार का मंच है। इसी से हम सभी जनता के प्रति अपने सेवा भाव के उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं।
संवाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रहे माता प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि यह खुशी की बात है कि श्री महाना ने नयी परिपाटी की शुरूआत की है। इस तरह के कार्यक्रम से सदन को लाभ मिलेगा। हम सभी सदस्यों को मिलकर विधानसभा अध्यक्ष को और ताकतवर बनाना है जिससे उनका सम्मान बना रहे। श्री पाण्डेय ने कहा कि सत्तापक्ष और विपक्ष में मतभेद हो सकता है लेकिन सदन और अध्यक्ष का सम्मान बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। आज जिस तरह से वरिष्ठ सदस्यों का सम्मान किया गया उसके लिए विधानसभा अध्यक्ष धन्यवाद के पात्र है। पूर्व विधानसभा के अध्यक्ष ने कहा कि श्री महाना ने बहुत अच्छी तरह से सदन को चलाया और सभी सदस्यों को बोलने का मौका दिया। यह एक अच्छी परम्परा है।

इस क्रम में वरिष्ठ सदस्य अवधेश प्रसाद के अपने अनुभव साझा किये और कहा कि श्री महाना ने जो शुरुआत की है। उससे भविष्य में इतिहासकार लिखेंगे। 1977 जब पहली बार चुनकर आया था तब से अब तक कई विधानसभा अध्यक्ष देखें हैं पर श्री महाना की कार्यशैली अनूठी है। पहली बार सदन स्थगित नही हुआ और लगभग सभी सदस्यों को बोलने का मौका मिला जिससे प्रदेश में एक अच्छा संदेश गया। अवधेश प्रसाद ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सुखद संयोग से रचनात्मक सुझाव सामने आए जिससे प्रदेश के विकास के रास्ते खुल रहे है। लोकतंत्र की जड़े और मजबूत हो रही हैं। यह एक बहुत अच्छी पहल है। इसी तरह सत्ता पक्ष विपक्ष मिलकर काम करते रहे यही प्रदेश की जनता को अपेक्षा है।

रघुराज प्रताप सिंह, राजा भैया ने कहा कि आज जितने सदस्य यहां मौजूद है। उन सभी सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष के इस कार्य को सराहा है। उत्तर प्रदेश की विधानसभा अपना पुराना गौरव प्राप्त करे। ये तभी संभव होगा जब अधिक से अधिक सदन चले। उन्होंने कहा कि जितना अधिक सदन चलेगा। उतना ही इस सदन के सदस्यों की गरिमा बढ़ेगी। विधानसभा में जो बदलाव हो रहा है वह सब अध्यक्ष की आपकी विलक्षण प्रतिभा का परिचायक है।

शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि आप बधाई के पात्र है जो आपने वरिष्ठों को सम्मानित करने का काम किया है। यह पहली बार हुआ है। श्री यादव ने कहा कि यदि जनता बार बार जिताकर भेज रही है तो ऐसे लोगो का जनता के बीच कहीं न कहीं सम्मान है। ऐसे लोगों ने जरूर जनता से अपना वादा पूरा किया है। यू0पी0 विधानसभा को फिर से गौरव मिल सके इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना पडेगा। यूपी विधानसभा की मिसाल पूरे देश में दी जाती रही है।

इस मौके पर लालजी वर्मा ने कहा कि वरिष्ठ सदस्यों को जो आज सम्मान दिया गया इसके लिए हम सभी श्री अध्यक्ष के आभारी हैं। इस नई शुरुआत के लिए बधाई। श्री वर्मा ने कहा कि आपसी विचार विमर्श से संसदीय परंपराएं मजबूत होंती है और नए सदस्यों को संसदीय परंपराओं की जानकारी देना हम सब वरिष्ठों की जिम्मेदारी है। हम सबको संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करना चाहिए।

ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के व्यवहार और स्वभाव से हम सब प्रभावित है। उन्होंने लीक से हटकर जो नई परंपरा शुरू की है वह अपने आप में अनूठी है। लोकतंत्र में लोक और लाज का महत्व होता है। संसदीय व्यवस्था में संवाद बहुत आवश्यक है। उत्तर प्रदेश देश का हृदय है। इसलिए इसे मजबूत रखने की जरूरत है। ये परपरा बनी रहनी चाहिए। ये हमारा सम्मान नही, आपका भी सम्मान है।
इस अवसर पर जय प्रताप सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम से एक अच्छा संदेश जाएगा। सत्र के दौरान जनता की समस्याओं को कैसे उठाया जाए, नए सदस्यों को और सीखने की जरूरत है। इस तरह का कार्यक्रम से नये सदस्यों को प्रेरणा मिलेगी। आपसी बहस से नया रास्ता निकलता है।

सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि विधानसभा में सबको बोलने का अवसर देकर अनुशासन बनाए रखना लोकतंत्र की पहचान रही है। पहली बार  विपक्ष शालीन तरीके से अपनी भूमिका निभा रहा है। वरिष्ठों सदस्यों को सम्मान दिया जा रहा है। जिससे एक नया इतिहास बन रहा है। विधानसभा परिसर के सुन्दरीकरण से लेकर सदन को डिजिटल बनाने तक किया गया कार्य सरहनीय है।

महबूब अली ने कहा कि श्री महाना ने सदन को पहली बार में ही सुचारू रूप से चलाने का काम किया है।
रमापति शास्त्री ने कहा कि यह हमारा सम्मान नही देवतुल्य कार्यकर्ताओं का सम्मान है जिसे उन तक पहुंचाऊंगा।
इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कार्यक्रम में उपस्थित अरविन्द गिरि, पूरन प्रकाश, श्रीराम चौहान, बावन सिंह, फरीद महफूज किदवई, धर्मपाल सिंह, मयंकेश्वर शरण सिंह, राम चन्द्र यादव व कार्यालय कक्ष में चौधरी लक्ष्मी नारायण, राम कृष्ण भार्गव सहित सभी वरिष्ठ सदस्यों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे व अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

रिपोर्ट-शाश्वत तिवारी 

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