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विकास यात्रा का विस्तार

     डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

उत्तर प्रदेश में सत्ता पक्ष वर्तमान के आधार पर भविष्य संबन्धी वादे कर रहा है। वर्तमान में उनकी सरकार के पांच वर्षों का कार्यकाल शामिल है। उनका दावा है कि यह पांच वर्ष सुशासन व विकास के प्रतीक है। शुरू में कानून व्यवस्था को सुधारने का कार्य किया गया। इसके बाद विकास कार्यों को क्रियान्वित करना संभव हुआ। मतलब भाजपा सरकार ने अपने कार्यो की शुरुआत कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने व किसानों की ऋण मोचन के साथ की थी। सत्ता पक्ष की ओर से कहा गया कि इस बार भाजपा सरकार शुरुआत होली पर मुफ्त सिलिंडर का देने के साथ होगी।

इसके अलावा मेधावी छात्राओं को कॉलेज जाने के लिए स्कूटी दी जाएगी। किसानों को मुफ्त बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के एजेंडा में यूपी को विकसित प्रदेश बनाने की योजना शामिल है। विगत पांच वर्षों में यह यात्रा आगे बढ़ी है। पुनः सरकार बनने पर उत्तर प्रदेश को विकास की सूची में नंबर वन बनाया जाएगा। यह गौरवशाली प्रदेश के रूप में स्थापित होगा। समृद्ध और सुरक्षित राज्यों की सूची में यूपी को सबसे ऊपर हो जाएगा। यूपी को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया जाएगा। योगी आदित्यनाथ इस दिशा में प्रयास भी कर रहे है। इसीलिये विकास के अनेक बिंदुओं पर यूपी ने अभूतपूर्व छलांग लगाई है। कुछ वर्ष पहले प्रदेश को इस मुकाम पर ले जाने की कल्पना भी संभव नहीं थी। भाजपा ने यह कार्य करके दिखाया है।।क्योंकि उसके एजेंडे में पार्टी की बात नहीं बल्कि यूपी के भविष्य का रोडमैप है।

भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास की भावना से कार्य कर रही है। इसीलिए केंद्र की सरकार में ओबोसी के सत्ताईस लोगों को मंत्री बना कर पिछड़ों को सम्मान दिया गया। प्रदेश सरकार में भी सबसे ज्यादा मंत्री पिछड़े वर्ग से हैं। ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम भी भाजपा की सरकार ने ही किया है। पांच वर्षों में भाजपा सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का सर्वाधिक लाभ अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मिला है। अमित शाह ने कहा कि नए यूपी में अब कोई माफिया वसूली के लिए संदेश नहीं भेज सकता है। पांच साल की कठिन तपस्या के बाद यूपी की गाड़ी पटरी पर लौटी है। प्रदेश में पहली बार साढे चार लाख करोड रुपये से अधिक का पूंजी निवेश आया है। आज मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश का शेयर बढकर सत्तर प्रतिशत हो गया है।

प्रदेश आईटी हब व सबसे बडा डेटा सेन्टर भी यूपी में बन रहा है। विद्यालयों को आधुनिक बनाया जा रहा है। पिछले पांच सालों में शिक्षा के प्रसार के लिए ढाई सौ नए माध्यमिक विद्यालय,सतहत्तर महाविद्यालय तथा बारह विश्वविद्यालय बनाए गए हैं। पिछले चुनाव के समय जारी संकल्प पत्र के लगभग सभी वादों पर अमल किया गया।ओडीओपी योजना से सभी जनपदों के स्थानीय उत्पादों को बाजार मिला है। इससे अनुमानतः डेढ़ करोड़ लोगों को रोजगार मिल रहा है। इन्वेस्टर समिट से यूपी में साढ़े चार लाख करोड़ रुपये का एमओयू साइन किया जा चुका है जिसमें से लगभग तीन लाख करोड़ रुपये का काम यूपी में शुरू भी हो चुका है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के यूपी में पिछले पांच वर्षों में सात हजार किमी सड़कों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अतिरिक्त छह किमी सड़कों का निर्माण हो रहा है।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने शहरों में चौबीस घंटे और गाँवों में बाइस घंटे तक बिजली पहुंचाई। पांच वर्षों में लगभग डेढ़ करोड़ घरों में मुफ्त बिजली पहुंची है। गरीबों को बयालीस लाख से अधिक आवास प्रदान किये गए हैं। पिछली सरकार में उत्तर प्रदेश देश में सातवें स्थान की अर्थव्यवस्था थी। पिछले पांच वर्षों में ही यूपी देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनी है। जनादेश मिला तो अगले पांच वर्षों में यूपी को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में प्रतिष्ठित होगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुशासन सहित अनेक विषयों पर उत्तर प्रदेश को देश में टॉप थ्री में लाने का काम किया है। पांच साल पहले उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था करीब ग्यारह लाख करोड़ रुपये अधिक थी। पांच वर्षों में हम इसे बाइस लाख करोड़ रुपये से उपर हो गई है। यूपी के सोशल इंडेक्स में अस्सी प्रतिशत तक का सुधार हुआ है। आज भारत सरकार की छप्पन योजना में से पैंतालीस योजनाओं के कार्यान्वयन में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। पहले उत्तर प्रदेश किसी भी कृषि उपज में नंबर वन नहीं था।

आज उत्तर प्रदेश सरकार में गेहूं,गन्ना, चीनी,आलू, मटर, आम, आंवला और दुग्ध उत्पादन में देश में सबसे आगे है। बेरोजगारी दर लगभग सत्रह से घट कर करीब चार  प्रतिशत तक आ गई है।प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगभग एक दर्जन नीतियां बनाई गई है। हमने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगभग एक सौ अड़सठ सुधार किये हैं। सवा तीन सौ से अधिक पोर्टल्स बनाए हैं। चालीस विदेशी कंपनियों ने तो अपना उत्पादन शुरू भी कर दिया है।

लखनऊ से लेकर बुंदेलखंड तक डिफेंस कॉरिडोर बनाया गया है। जिसके तहत बहुत सारी इकाइयां लगेगी। पिछले एक साल में इसके लिए लगभग करीब दो सौ करोड़ रुपये का निवेश आया है। नोएडा में छह हजार करोड़ रुपये की लागत से स्टेट डेटा सेन्टर की स्थापना की गयी है। एशियन डेवलमेंट बैंक ने एक बिलियनअमेरिकी डॉलर उत्तर प्रदेश के वित्तीय अनुशान को देखते हुए एक कॉरिडोर के लिए मंजूर किया है। पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश में लगभग चलिस मेडिकल कॉलेज बनाए गए।

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