• कई बार संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों व शासनिक जनप्रतिनिधियों से की गयी शिकायत
औरैया। वर्तमान के समय में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। लेकिन तब भी कंचौसी में गौवंश आवारा और अन्ना होकर घूम रहे हैं। एक तरफ यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि अपराधियों के खिलाफ बाबा का बुल्डोजर चलेगा। वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के जनपद कानपुर देहात व जिला औरैया की सीमा में बने कंचौसी नगर में गाय अन्ना घूम रहे हैं।
कंचौसी दो जनपदों में लगता है आधा औरैया तो आधा कानपुर देहात में लेकिन फिर भी कंचौसी या उसके आसपास से जुड़े गांवों में अभी तक कोई गौशाला नहीं बनी है। जिससे घूम रहे आवारा गौवंशों से किसानों को निजात मिल सके। अन्ना गायों से केवल किसान ही नहीं व्यापारी और आम जन मानस भी परेशान है।
कंचौसी व उससे जुड़े आसपास के ढिकियापुर, मधवापुर, नौगवां, हरतौली, सूखमपुर, बान, कंचौसी गांव, जमौली, बिनपूरापुर, कनमऊ, भुनियापुर, लछियामऊ, चमरौआ आदि गांवों में अन्ना व आवारा पशुओं से परेशान किसानों ने शासन-प्रशासन से शीघ्र गौशाला बनवाए जाने की कड़ी मांग की है। ताकि किसानों के साथ-साथ व्यापारियों एवं आम जनता और इन आवारा गौवंशों को भी राहत मिल सके।
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दिन-रात जागने के बावजूद भी ये अन्ना पशु किसानों की मेहनत से उपजाई गई फसलों को पल भर में नष्ट कर डालते हैं। आवारा पशुओं का झुंड फसलों पर टूट पड़ता है। और जब तक किसानों को पता चलता है। तब तक तो किसान आधा खेत साफ हो जाता है। खेतों के अलावा बाजारों, गलियों, सड़कों चौराहों, तिराहों पर व्यापारियों और राहगीरों को भी परेशान कर रखा है।
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कई बार संबंधित प्रशासन एवं शासन के जनप्रतिनिधियों को शिकायतें भी दर्ज कराई गई। और इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट व सोशल मीडिया के माध्यम से भी अनेकों बार खबरें प्रकाशित व प्रेषित की गई। लेकिन तब भी किसानों और व्यापारियों की पीड़ा को किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने सुना तक नहीं।
बीरेंद्र गुप्ता, रामकुमार गुप्ता, विनय प्रताप सिंह राजावत, रवीन्द्र सिंह सेंगर, मोतीलाल, सूरज सिंह, सुरेश यादव, धर्मेन्द्र यादव, भानू प्रताप सिंह, भूपेंद्र चौहान, चंद्र शेखर, अमन राजपूत, सोनू शर्मा आदि कंचौसी व उससे जुड़े आसपास के दर्जनों गांवों के हजारों किसानों, सैकड़ों व्यापारियों एवं आम जनता ने बताया है कि आवारा और अन्ना पशु खेतों और बाजारों में कहर ढाए हैं। जिससे हम सभी परेशान हैं।
कई बार संबंधित प्रशासन व शासनिक जनप्रतिनिधियों से इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट व सोशल मीडिया के माध्यम से लिखित एवं मौखिक शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी हैं। लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। केवल शासन-प्रशासन की तरफ से आश्वासन दिया जाता है। कोई न्यायिक कार्य नहीं किया जाता है।
रिपोर्ट – राहुल तिवारी