बछरावां/रायबरेली। एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सतत प्रयास कर रही है वहीं दूसरी तरफ उनके ही अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा किसानों का दोहन करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा जा रहा है। आगामी धान की फसल के लिए नर्सरी का समय हो गया है किसान धान की नर्सरी की तैयारी भी कर चुके हैं। लेकिन नहरों में पानी ना होने के कारण धान की नर्सरी नहीं हो पा रही है।
नहर के भरोसे बैठे हुए किसान इस आशा में हैं आज नहर आएगी कल नहर आएगी। वही जब फसलों में पानी की कोई आवश्यकता नहीं होती है तो बराबर नहर चला करती है। 15 मई के बाद जब नहर की आवश्यकता किसानों को थी तो पता नहीं कौन सा नियम बनाकर नहर बंद कर दी गई। वही क्षेत्र के किसान रामकिशोर, अजय कुमार, अखिलेश कुमार, श्याम किशोर ने मांग की है कि नहर में पानी छोड़ा जाए जिससे वह अपनी धान की नर्सरी समय पर कर सके और जिससे धान का सही उत्पादन हो सके।
वही नहर में पानी ना आने के संबंध में संवाददाता ने जब सिंचाई विभाग के एक्सईएन हेमंत कुमार वर्मा से बात की उन्होंने बताया कि नहर ऊपर से बंद है 6 जून के बाद नहरों में पानी छोड़ा जाएगा इसके पहले आने की कोई संभावना नहीं है।
रिपोर्ट-दुर्गेश मिश्रा