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IT का कांग्रेस को बड़ा झटका, हवाला के जरिए 170 करोड़ लेने के आरोप में जारी किया नोटिस

आयकर विभाग द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को नोटिस जारी किया गया है। कांग्रेस को ये नोटिस राजनीतिक चंदे को लेकर भेजा गया है। 2 दिसंबर को भेजे गए इस नोटिस में हैदराबाद की एक कंपनी द्वारा भेजे गए पैसों का हिसाब ना देने का कारण दिया गया है। हैदराबाद की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी से जुड़े पैसों के लेन-देन के मामले में कांग्रेस पार्टी को नोटिस भेजा गया है। कंपनी के द्वारा किए गए दावे में जिन पैसों के फ्लो का जिक्र किया गया है, उनसे जुड़े कागजों को कांग्रेस पार्टी पेश नहीं कर पाई है।

सूत्रों के मुताबिक हैदराबाद की एक कंपनी से कांग्रेस के खाते में ब्लैकमनी आने का आरोप है। कांग्रेस ने इस संबंध में आयकर विभाग को अभी तक दस्तावेज नहीं दिए हैं। इसलिए आयकर विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया है। ये नोटिस उन दस्तावेजों के जमा न करने के बाद भेजा गया।

इसके साथ ही कंपनी के एक स्टाफ को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन वो भी नहीं आया। हाल ही में आयकर विभाग की हैदराबाद की इस कंपनी में छापेमारी में पता चला कि कंपनी ने 170 करोड़ रुपये कांग्रेस को हवाला के जरिये भेजा है। कंपनी ने ये पैसा सरकार से फर्जी बिल लगाकर लिया, इस कंपनी के पास कई सरकारी प्रोजेक्ट हैं। कंपनी ने 150 करोड़ रुपये चन्द्रबाबू नायडू की टीडीपी को भी भेजे। उन्हें भी जल्दी ही नोटिस जारी होगा।

गौरतलब है कि नवंबर महीने में भारत और स्विट्जरलैंड ने बुधवार को कालाधन पर अंकुश लगाने के लिये अपने-अपने कर विभागों से आपस में गठजोड़ बढ़ाने को कहा है। वित्त मंत्रालय के बयान में यह जानकारी दी गई। बयान में कहा गया है कि भारत के राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे और स्विट्जरलैंड के अंतरराष्ट्रीय वित्त मामलों की सेक्रेटरी डेनिएला स्टोफेल ने कर मामलों में प्रशासनिक सहायता खासकर एचएसबीसी मामले में स्विट्जरलैंड की तरफ से सहायता उपलब्ध कराने को लेकर पिछले कुछ साल में हुई प्रगति पर संतोष जताया था।

कर चोरी के खिलाफ अभियान में सहयोग के तहत दोनों देशों के बीच पहला वित्तीय लेखा सूचना को साझा करने का काम सितंबर 2019 में हुआ था। बयान के अनुसार दोनों देशों ने कर चोरी से निपटने के लिये वैश्विक कर पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्धता जतायी थी। दोनों देशों के संयुक्त बयान के अनुसार वित्तीय लेखा सूचना के स्वत: आदान-प्रदान से वित्तीय पारदर्शिता के एक नये युग की शुरूआत होगी। इससे भारतीय कर प्रशासन को स्विट्जरलैंड में भारतीयों के बैंक खातों के बारे में विस्तृत जानकारी मिल सकेगी। दोनों देशों ने भारत-स्विट्जरलैंड कर संधि में सहयोग और प्रगाढ़ बढ़ाने के लिये सक्षम प्राधिकरणों के स्तर पर बातचीत को लेकर सहमति जतायी है।

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