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शिलान्यास व लोकार्पण का सिलसिला

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

उत्तर प्रदेश सर्वाधिक एक्सप्रेस वे निर्माण की दिशा में अग्रसर है। शिलान्यास के बाद लोकार्पण का सिलसिला आगे बढ़ रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है। उनका यह सपना साकार हुआ। नरेंद्र मोदी के कर कमलों से ही इसका लोकार्पण हुआ। चार अन्य एक्सप्रेस वे पर कार्य जारी है। योगी आदित्यनाथ कुछ समय बाद इनके लोकार्पण के प्रति आशान्वित है। उनका दावा है कि वर्तमान सरकार जिन योजनाओं का शिलान्यास करती है,निर्धारित समय सीमा में उनका लोकार्पण भी किया जाता है।

कोरोना आपदा के बाबजूद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण उन्नीस महीने में ही पूरा किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम भव्य और अभूतपूर्व रहा। लोकर्पण के बाद यहां भारतीय वायुसेना का एक शो भी आयोजित किया गया। सुलतानपुर के पास ही लगभग साढ़े तीन किमी की एक एयर स्ट्रिप बनायी गयी है।जिसमें भारतीय वायुसेना के विमान एवं अन्य विमान आपात लैण्डिंग कर सकेंगे। यहीं पर वायुसेना ने शानदार एयर शो किया।

आठ इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर

पूर्वांचल एक्सप्रेस का निर्माण मात्र यात्रा में समय बचाने के उद्देश्य से नहीं किया गया है। बल्कि इसको विकास से भी जोड़ा गया है। प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे आठ स्थानों पर इण्डस्ट्रियल काॅरिडोर बनाए जाने की कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है। इससे रोजगार में वृद्धि होगी तथा आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। प्रदेश में विभिन्न एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। अगले माह बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो जाएगा।

गोरखपुर एक्सप्रेस-वे एवं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का कार्य प्रगति पर है। प्रदेश सरकार ने गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण की कार्यवाही तीव्र गति से आगे बढ़ाया है। गंगा एक्सप्रेस-वे जनपद मेरठ को जनपद प्रयागराज से जोड़ेगा। इस एक्सप्रेस-वे के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे की प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

उतर सकेंगे लड़ाकू विमान

मोदी ने कहा कि जब उन्होंने एक्सप्रेस-वे की नींव रखी तो नहीं सोचा था कि वे इस पर सी-वन थर्टी जे सुपर हरक्यूलिस विमान से उतरेंगे। यह एक्सप्रेस-वे विकास का नया अध्याय लिख रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे केवल आवागमन का माध्यम नहीं है बल्कि यह पूर्वी उत्तर प्रदेश की जीवन रेखा बनेगा। यहां के जीवन में सुधार आएगा। उद्योग विकसित होंगे।

पूर्वांचल की लगातार अनदेखी हुई है। उसके विकास के लिए यह नयी कहानी लिखेगा। इसी प्रकार गंगा एक्सप्रेस-वे प्रारम्भ होने जा रहा है। गोरखपुर बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे भी विकास के लिए नये आयाम गढ़ने जा रहा है।

अब तक चार शहरों में मेट्रो की सुविधा उपलब्ध है। अगले माह तक कानपुर की मेट्रो भी जनता के लिए खुल जाएगी। पांच वर्ष पहले आम जनमानस को एयर कनेक्टविटी के लिए लखनऊ और वाराणसी में ही एयरपोर्ट उपलब्ध थे। लेकिन आज नौ हवाई अड्डा पूरी तरह काम कर रहे हैं। इसके अलावा ग्यारह एयरपोर्ट का निर्माण चल रहा है।

उत्तर प्रदेश भी दुनिया से जुड़ रहा है। उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका में दिख रहा है। यह एक्सप्रेस-वे प्रदेश के औद्योगिक विकास में भी नया आयाम गढ़ेगा। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, एक नजर में तीन सौ इकतालीस किलोमीटर लंबा है।

लागत लगभग साढ़े बाइस हजार करोड़ रुपये से निर्मित है। लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों से यह एक्सप्रेस वे जुड़ा है। लखनऊ में सुल्तानपुर रोड पर स्थित ग्राम चैदसराय से शुरू होकर उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा से अठारह किलोमीटर पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या इकतीस पर स्थित गांव हैदरिया जिला गाजीपुर पर समाप्त होता है।

यह एक्सप्रेस वे छह लेन का है। जिसे भविष्य में आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को एक सौ बीस किमी प्रति घंटा के लिए डिजाइन किया गया है। हालांकि इस पर वाहनों की गति सौ किमी प्रति घंटा तक अनुमन्य होगी।

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