• 13 फरवरी तक चलेगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान
सुलतानपुर। जिले में कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज को कुष्ठ रोग से मुक्त करना है। 13 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान के साथ ही सघन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान एवं नियमित निगरानी का कार्य भी किया जा रहा है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं कुष्ठ नियंत्रण अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. आर.के. कन्नौजिया ने कहा कि सही समय पर कुष्ठ की पहचान और उपचार शुरू कर दिया जाये तो कुष्ठ रोग से मुक्ति संभव है।
उन्होंने बताया कि जिले में चल रहे स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के अन्तर्गत सभी 2522 आशा कार्यकर्ताओं को कुष्ठ रोग पर सन्देश और प्रश्नावली दी गई है। इसके माध्यम से सभी कार्यकर्ता अपने क्षेत्रों में घर-घर जा कर कुष्ठ रोगियों की पहचान कर रही हैं। उन्होंने बताया कि स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान में अब तक तीन नए रोगी चिन्हित किये गए हैं, जिनका उपचार भी शुरू हो गया है। डॉ. कन्नौजिया ने बताया कि वर्ष 2021-22 में अब तक 40 रोगी चिन्हित किये गए हैं जिनमें से 30 उपचार के बाद पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। पिछले वर्षों के मरीजों को मिलाकर वर्तमान में 36 एक्टिव मरीज़ हैं, इन सभी का उपचार चल रहा है।
जिस किसी को भी कुष्ठ रोग के लक्षण हों तो वह नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला कुष्ठ अधिकारी कार्यालय या शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र जाकर जाँच अवश्य कराएँ – जिला कुष्ठ रोग अधिकारी
क्या है कुष्ठ रोग – कुष्ठ रोग बहुत ही कम संक्रामक रोग है जो लैप्रे बैक्टीरिया के कारण होता है ।यह टी.बी. रोग की भांति ही फैलता है। कुष्ठ रोग से ग्रसित व्यक्ति के खाँसने या छींकने परउसकी स्वांस से निकलने वाले पानी की बूंदों से साथ लैप्रे बैक्टीरिया हवा से दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुँच जाता है। यह मुख्य रूप से चमड़ी और तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे बढ़ता है। यह रोग किसी भी आयु में स्त्री व पुरुष किसी को भी हो सकता है। कुष्ठ रोग एम.डी.टी. दवाओं से ठीक हो सकता है और जल्दी इलाज से दिव्यांगता से बचा जा सकता है।
कुष्ठ रोग के लक्षण –
• शरीर पर सुन्न दाग होना
• हथेली या पैर के तलवे में सुन्नता
• नसों में सूजन, मोटापन या दर्द होना
• हाथ, पैर, आँख में कमजोरी या विकृति
• घाव जिसमें दर्द न हो
• चेहरे, शरीर या कान पर गाँठ, छाले या घाव होना
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर