विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आए श्रीलंका के विदेश मंत्री प्रो. जीएल पेइरिस से सोमवार को साउथ ब्लॉक स्थित कमेटी हॉल में मुलाकात की। उन्होंने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी है।
जयशंकर ने कहा- श्रीलंका को मजबूत करने वाली आर्थिक और निवेश पहल पर चर्चा की।
अपने ट्वीट में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा श्रीलंकाई विदेश मंत्री जीएल पेइरिस के साथ उपयोगी बातचीत हुई। इस दौरान श्रीलंका को मजबूत करने वाली आर्थिक और निवेश पहल पर चर्चा की। श्रीलंका की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कदमों पर भी ध्यान केंद्रित किया।
एक अन्य ट्वीट में जयशंकर ने कहा मछुआरों के मुद्दे पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया और इस बात पर सहमति व्यक्त की गई कि द्विपक्षीय तंत्रों की जल्द बैठक होनी चाहिए। आर्थिक सुधार के लिए अधिक पर्यटन के महत्व को स्वीकार किया गया। साथ ही बेहतर कनेक्टिविटी के जरिए पी2पी लिंकेज के महत्व को भी नोट किया।
श्रीलंका के विदेश मंत्री पेइरिस रविवार को नई दिल्ली पहुंच थे। इस बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा था श्रीलंका के विदेश मंत्री प्रो. जी एल पीरिस आधिकारिक यात्रा पर दिल्ली में पहुंच गए हैं।’विदेश मंत्रालय के अनुसार, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला भी मंगलवार को श्रीलंकाई विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे।
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में भारत और श्रीलंका के बीच निरंतर जुड़ाव दोनों पड़ोसियों के बीच बढ़ते संबंधों का प्रमाण है। श्रीलंका के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का समर्थन उनकी ‘पड़ोस पहले नीति के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इसी के अनुरूप, इस महीने की शुरुआत में भारत ने लंका सरकार को 100,000 रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) किट भेजे थे। गौरतलब है कि श्रीलंका के विदेश मंत्री पेइरिस की भारत यात्रा ऐसे समय हो रही है जब कुछ ही दिन पहले भारत ने गहरे वित्तीय और ऊर्जा संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश श्रीलंका को ईंधन खरीद के वित्तपोषण के लिए 50 करोड़ डॉलर की ऋण सुविधा देने की घोषणा की थी।
टैगोर की आवक्ष प्रतिमा का किया अनावरण: भारत और श्रीलंका ने न केवल आर्थिक मोर्चे पर बल्कि सांस्कृतिक मोर्चे पर भी घनिष्ठ संबंध विकसित किए हैं। पेइरिस के भारत आने से पहले वह 3 फरवरी को श्रीलंका में रवींद्रनाथ टैगोर के आगमन के 100 वें वर्ष का जश्न मनाने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में कोलंबो विश्वविद्यालय गए थे।
विश्वविद्यालय के श्री पाले परिसर में रवींद्रनाथ टैगोर की श्रीलंका की यात्राओं की स्मृति में उनकी एक आवक्ष प्रतिमा का श्रीलंकाई विदेश मंत्री ने अनावरण किया। यह कार्यक्रम श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग के सहयोग से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान, टैगोर के माध्यम से भारतीय उच्चायुक्त ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक निकटता के बारे में बताया।