ब्रिटेन में आयोजित हो रहे जी7 शिखर सम्मेलन को लेकर जिस तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं, वो अब सच होती भी दिख रही हैं. जी7 शिखर सम्मेलन के नेता कोरोना वायरस की उत्पत्ति की नई और परादर्शी तरीके से जांच करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से अनुरोध कर सकते हैं.
दोनों नेताओं का यह बयान ऐसे समय पर काफी अहम है, जब दुनियाभर में कोरोना की उत्पत्ति की जांच को लेकर मांग बढ़ी है। मालूम हो कि डेढ़ साल पहले चीन के वुहान शहर में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को चीन का नाम लिए बिना कहा, ‘मुझे लगता है कि हम कोविड-19 की उत्पत्ति के लिए डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का अनुकरण करने और आगे का शोध करने की जरूरत का समर्थन करते है.
इसके बाद इसने दुनियाभर में अपना प्रकोप फैला दिया। इतना समय बीतने के बावजूद यह अभी तक एक रहस्य है कि इस जानलेवा वायरस की उत्पत्ति कैसे और कहां से हुई है। अब तमाम देशों और विशेषज्ञों ने इस बात का पता लगाने के लिए मांग तेज कर दी है कि यह वायरस स्वाभाविक रूप से उत्पन्न हुआ है या इसका जन्म चीन की वुहान लैब से हुआ है।