हिन्दुओं की मान्यता है कि श्री राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनके जन्मस्थान पर एक भव्य मन्दिर विराजमान था जिसे मुगल आक्रमणकारी बाबर ने तोड़कर वहाँ एक मस्जिद बना दी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में इस स्थान को मुक्त करने एवं वहाँ एक नया मन्दिर बनाने के लिये एक लम्बा आन्दोलन चला। 6 दिसम्बर सन् 1992 को यह विवादित ढ़ांचा गिरा दिया गया और वहाँ श्री राम का एक अस्थायी मन्दिर निर्मित कर दिया गया।
जब से सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के पक्ष में अयोध्या पर फैसला सुनाया है तभी से एक के बाद एक खुशखबरी अयोध्या से आते ही जा रही है अब हाल ही में एक और खुशखबरी अयोध्या से आई है, बता दे आपको कि राम जन्मभूमि न्यास ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की निगरानी करने वाले ट्रस्ट की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करें। न्यास ने कहा कि आदित्यनाथ को गोरक्षा पीठ के महंत के तौर पर ट्रस्ट की अध्यक्षता करनी चाहिए ना कि मुख्यमंत्री के तौर पर ।
न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा, “राम जन्मभूमि न्यास चाहता है कि योगी आदित्यनाथ ट्रस्ट की अध्यक्षता करें। गोरखपुर में प्रतिष्ठित गोरखनाथ मंदिर गोरक्षा पीठ का है और राम मंदिर आंदोलन में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी उन्होंने कहा कि प्रस्तावित ट्रस्ट में न्यास महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने हालांकि विस्तृत जानकारी नहीं दी उन्होंने कहा, “ट्रस्ट के अन्य सदस्यों में चंपत राय विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष) और ओम प्रकाश सिंघल विहिप के कोषाध्यक्ष) हो सकते हैं ।
इसके अलावा दिगंबर अखाड़ा ने भी घोषणा की है कि उसके प्रमुख महंत सुरेश दास बुधवार को आदित्यनाथ से इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मुलाकात करेंगे अखाड़ा अभी भी इस बात पर कायम है कि किसी मौजूदा ट्रस्ट को राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी ।