ग्रामोफोन
पानी में कंकर फेकने से
उठती तरंग गोल घेरों में
ऐसे लगती जैसे पानी में
ग्रामोफोन सजाया होतट पर बैठ कर
विचारों से उभरे गीत
बार -बार फैंके गए कंकरों से
हर बार नए रिकार्ड लगाने की
अनुभूति महसूस करता हूँये तो महज
पानी के बुलबुलों के मध्य
उठती घुमती तरंगे
क्षण भर में ही मिट जाएगीसंजय वर्मा “दृष्टि ” (म.प्र.)
Tags Gramophone ग्रामोफोन संजय वर्मा "दृष्टि "
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