लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरणविद् अपने जीवन में देश-दुनियाँ में 5,00,0000 (पांच करोड़) से अधिक पेड़ लगाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने वाले, अंतर्राष्ट्रीय क्लाइमेट लीडर, ए. पी .जे .अब्दुल कलाम अवार्ड, वन विभूति, वन्यजीव प्रतिपालक, ग्रीन अम्बेसडर, वृक्ष मित्र, प्राणी मित्र जैसे तमाम राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय पुरष्कार प्राप्त करके समाज का गौरव बढ़ा रहे हैं।
शहरीकरण का दबाव :-
हुडको के सौजन्य से मुमुक्षा सामाजिक संस्था ने शहरीकरण के बढ़ते दबाब में मूलभूत सुविधाओं के साथ स्मार्ट सिटी बनाये जाने के सारे पहलुओं को ध्यान में रखने हेतु सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञों की व्याख्यानशाला नई दिल्ली स्थित हिंदी भवन में आयोजित की गई, जिसके सहप्रायोजक कई मीडिया घराने और सामाजिक संगठन रहे। इस बहुउद्देश्यीय कार्यक्रम में दर्जनों प्रख्यात पत्रकारों ने अपने सारगर्भित और अति उपयोगी विचार रखे, दिल्ली के पूर्व टाउन प्लानर ने भी अपने विचारों से अवगत कराया।
किया गया सम्मानित :-
जीवन के पचासवें वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण दिन देवभूमि ऋषिकेश के पवित्र गंगा तट पर परमपूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी महाराज के दिव्य सानिध्य में छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह द्वारा पर्यावरण विभूति के रूप में सम्मानित कर किया। ये दिन मेरे जीवन का सर्वाधिक खास होने की बड़ी वजह ये भी रही कि मेरे हरित महागुरू ने हरित ऋषि के रूप में दीक्षा प्रदान की और रूद्राक्ष का पौधा तथा माला पहिनाकर हरित आशीर्वाद दिया।
छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में 10 करोड़ पौधारोपण कर हरित अभियान संचालित किया जाना है उसमें अहम् भूमिका निभाये जाने का प्रस्ताव उन्होंने हमारी ग्रीन ब्रिगेड को दिया है जिसे सहर्ष स्वीकार कर अपनी सहमति दे दी है। पूज्य स्वामी जी ने अपनी हरित कुटिया में माँ वसुंधरा को हरियाली की चादर उढ़ाने हेतु हरित क्रांति लाने वाला गूढ़ज्ञान दिया। ग्रीन ब्रिगेड से धरती माता के प्रतीक ग्लोब पर जलाभिषेक कराकर दीक्षा दी और आशीर्वाद देकर पूरे भूमंडल में हरित क्रांति लाने का संकल्प दिलाकर आत्मिक-आध्यात्मिक दायित्व बोध कराया।
संरक्षित करने का सरल उपाय :-
प्रकृति और संस्कृति को संरक्षित करने वाला सरल उपाय अध्यात्म ही है जिसके साक्षात् दर्शन करने के लिये भूलोक पर एक अदभुत चार दिवसीय दिव्य मेले का आयोजन गाजियाबाद स्थित कवि नगर के रामलीला मैदान में सम्पन्न हुआ। देशभक्ति और सृष्टिभक्ति का अनूठा संगम अपने पावन पौराणिक काल की यादों व् कल्पनाओं से रूबरू करा गया। हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला जो भारतीय संस्कृति और संस्कारों को पुनः स्थापित करने और नई पीढ़ी को अपने आदर्शों तथा मूल्यपरक समाज के निर्माण में योगदानी बनने की सीख देने वाला सिद्ध हुआ।
राष्ट् निर्माण में नये-नये आयाम स्थापित करने वाली 114 संस्थाओं ने अपने शिविर लगाये जिनके माध्यम से जारी सेवाकार्यों से लाखों मेला दर्शकों को अवगत कराया। हमारे द्वारा भी सरस्वती खंड में आई-3 स्टाल को पर्यावरण सचेतक समिति के नाम से सुशोभित किया। पर्यावरण संरक्षण के सभी सरोकारों को समाहित करते हुये अपने मिशन को पूरी निष्ठां से प्रदर्शित किया। इं0 राणा रोशन सिंह व इं0 रामबीर सिंह के संयोजन में संचालित इस आयोजन में प्रकृति को अध्यात्म से जोड़ने की सार्थक कोशिशें कीं। चाहे नक्षत्र वाटिका बनानी या नवगृह वाटिका, राशिवृक्ष लगाने हों या दिव्यवृक्ष, पावन बांस रोपित करना हो या औषधीय पेड़, सभी के बारे में पूर्ण जानकारी और रीति से हजारों आगंतुकों से अवगत कराया गया।
ग्रीनमैन विजयपाल बघेल
रिपोर्ट: प्रदीप कुमार सिंह